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बुखारी का नवाज को पत्र, लिखा- अलगाववादियों से बात कर कश्मीर में शांति बनाएं

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नई दिल्ली। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी की ओर से पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को पत्र लिखकर हुर्रियत कांफ्रेंस संग बातचीत करने का दबाव डाला जा रहा है। बुखारी ने अपने पत्र में शरीफ से गुजारिश की है कि वह घाटी के अलगाववादियों से बात कर कश्मीर में चल रहे हिंसक तनाव को खत्म करने में अपनी भूमिका निभाएं, ताकि कश्मीर में शांति स्थापित हो सके।

इमाम बुखारी की ओर से कहा गया कि उन्होंने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को पत्र लिखकर उनसे हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओ संग बातचीत करने की अपील की है। बुखारी ने पत्र में लिखा, ‘कश्मीर के हालात दिनोंदिन खराब होते जा रहे हैं और इससे दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) के बीच तनाव भी बढ़ता जा रहा है। मुझे लगता है कि शांति के लिए माहौल तैयार करने में हो रही देरी कश्मीर के समाधान के मुद्दे को और जटिल बनाएगी।’

इसके अलावा उन्होंने आतंकवादियों से भी हथियार छोडऩे की अपील की है। उन्होंने कहा, मैं हथियार उठाने वाले लोगों से अपील करता हूं कि वे हथियार छोड़ें और बातचीत का माहौल पैदा करें। हिंसा और खूनखराबा कोई हल नहीं है।

यह पहल ऐसे समय में की जा रही है, जब केंद्र सरकार की ओर से हुर्रियत कांफ्रेंस संग बातचीत करने से इनकार कर दिया गया है। ऐसे में कश्मीर में हुर्रियत की नुमाइंदी का दावा फेल होता जा रहा है। हालांकि हुर्रियत का कश्मीर में प्रभाव बनाए रखने की कोशिशें चल रही है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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