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अन्तर्राष्ट्रीय

स्वास्थ्य में सुधार के लिए करें अधिक काम

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न्यूयॉर्क| वर्तमान में कामगारों के बीच नींद की कमी बड़ी समस्या बनकर उभरी है। शोधकर्ताओं के अनुसार, कार्यस्थल संस्कृति को थोड़ा लोचदार बनाकर न केवल कर्मचारियों को नींद की कमी से उबारा जा सकता है, बल्कि इससे उनके स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। पेंसिलवानिया स्टेट यूनिवर्सिटी में बायोविहेवियरल हेल्थ के एसोसिएट प्रोफेसर ऑरफ्यू एम.बॉक्सटन ने कहा, “पर्याप्त नींद की कमी के कारण हम काम के प्रति चौकस नहीं रह पाते। इससे न सिर्फ हम सूचनाओं को धीरे-धीरे ग्रहण कर पाते हैं, बल्कि कभी-कभी कई तरह की गलतफहमियां पैदा होती हैं और फैसले लेने की हमारी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।”

शोधकर्ताओं ने पाया कि जब लोगों के कार्य समय पर उनका खुद का नियंत्रण बढ़ता है, तो बढ़िया नींद के साथ-साथ उसकी समयावधि में भी बढ़ोतरी होती है।

यह अध्ययन 474 कर्मचारियों पर किया किया, जिसमें से आधे का अपने काम पर खुद का नियंत्रण था, जबकि आधे लोग किसी और के हस्तक्षेप में काम कर रहे थे।

पहले छह महीने तथा फिर एक साल के अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि जिनका अपने काम पर खुद का नियंत्रण था, उन्हें न सिर्फ अच्छी नींद आने लगी, बल्कि इसकी समयावधि भी बढ़ गई। इसका पूरा असर उनकी सेहत पर पड़ा।

यह अध्ययन पत्रिका ‘स्लीप हेल्थ’ में प्रकाशित हुआ है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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