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अन्तर्राष्ट्रीय

तनाव के बीच मोदी और चिनफिंग ने की एक दूसरे की तारीफ

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चिनफिंग ने मोदी को दीं सफलता की शुभकामनाएं

हैम्बर्ग (जर्मनी)। सिक्किम सीमा पर भारत और चीन में उपजे तनाव के बीच ‍‍भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में अनौपचारिक बैठक में एक–दूसरे की तारीफ की।

दो-दिवसीय जी-20 सम्मेलन से अलग ब्रिक्स देशों-ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रमुखों की अनौपचारिक बैठक के दौरान दो देशों के प्रमुखों ने एक दूसरे की तारीफ की। बैठक के लिए कमरे में दाखिल होने पर भी दोनों नेताओं ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और अभिवादन किया।

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि शी चिनफिंग ने अपने समापन भाषण में आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत संकल्प तथा भारत की अध्यक्षता में और वर्ष 2016 में हुए गोवा शिखर सम्मेलन के फलस्वरूप ब्रिक्स में आई तेज़ गति की प्रशंसा की। उन्होंने आर्थिक और सामाजिक विकास में भारत की सफलता की भी सराहना की। चिनफिंग ने इससे भी ज़्यादा कामयाबी की शुभकामनाएं दीं।

मंत्रालय के अनुसार, शी चिनफिंग से ठीक पहले बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में ब्रिक्स में आई गति की सराहना की और संपूर्ण सहयोग का वादा करते हुए ब्रिक्स के ज़ियामेन शिखर सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं दीं।

हैम्बर्ग में दोनों नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी, हालांकि दोनों ही नेता जी-20 सम्मेलन से इतर अन्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।

भारत और चीन के बीच पिछले महीने से ही सिक्किम के निकट सीमा को लेकर विवाद चला आ रहा है। चीन ने भारत के लिए कई चेतावनियां जारी की हैं। इनमें से कुछ सरकारी समाचारपत्रों के ज़रिये दी गईं।

चीन का कहना है कि सिक्किम के निकट डोकलाम इलाके से भारत को अपनी सेनाएं हटा लेनी चाहिए क्योंकि चीन उसे अपना इलाका मानता है। भारतीय सेना वहां चीन द्वारा बनाई जा रही सड़क को रोकने के लिए पहुंची थी, जो भारत के अनुसार, सुरक्षा के लिहाज़ से ठीक नहीं है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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