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अन्तर्राष्ट्रीय

ईरान ने भारत को तानाशाह बताया,कहा–कश्‍मीरी जनता का साथ दें दुनियाभर के मुस्लिम

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https://twitter.com/khamenei_ir/status/879204522530418689

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तेहरान। ईरान के सबसे बड़ा नेता अयातुल्ला खामेनेई ने चौंकाने वाले बयान में दुनियाभर के मुसलमानों से ‘शोषकों और तानाशाहों के खिलाफ कश्मीरी जनता का साथ देने की अपील की है।

https://twitter.com/khamenei_ir/status/879204522530418689

भारत और ईरान के बीच पारंपरिक तौर पर काफी दोस्ताना रिश्ते रहे हैं। ऐसे में खामेनेई की ओर से कश्मीर का जिक्र करना, इसे मुस्लिम देशों के बीच एक मुद्दा बनाने की कोशिश करना और अप्रत्यक्ष तौर पर भारत को ‘उत्पीड़क’ कहना नई दिल्ली को निश्चित रूप से बिल्कुल अच्‍छा नहीं आएगा।

सोमवार को एक ट्वीट में खामेनेई ने लिखा, ‘मुस्लिम देशों को बहरीन, कश्मीर, यमन जैसे देशों और वहां रहने वाले लोगों का खुलकर समर्थन करना चाहिए। उन शोषकों और तानाशाहों को अलग-थलग कर देना चाहिए जिन्होंने रमजान के दौरान लोगों पर हमला किया।’

भारत और ईरान के बीच पारंपरिक तौर पर काफी दोस्ताना रिश्ते रहे हैं। इससे पहले भी एक बार खामेनेई के कश्मीर को अफगानिस्तान और पाकिस्तान के जैसा देश बताया था। भारत ने इस बयान पर सख्त आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया था।

ईद के मौके पर दिए गए अपने भाषण में खामेनेई ने दुनिया भर के मुस्लिम लोगों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन सभी का एक ही दुश्मन है।

खामेनेई ने इस श्रेणी में सऊदी अरब, सुन्नी अरब और भारत को एक ही पंक्ति में खड़ा कर दिया है। फिलिस्तीन का जिक्र करते हुए उन्होंने इजरायल के खिलाफ इस्लामिक जिहाद छेड़े जाने की जरूरत पर जोर दिया।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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