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अन्तर्राष्ट्रीय

रिश्‍ते मजबूत करने पुर्तगाल पहुंचे मोदी, प्रधानमंत्री कोस्टा से मिले

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मोदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पुर्तगाल, कोस्टा

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मोदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पुर्तगाल, कोस्टा

लिस्बन।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के पहले पड़ाव के तहत शनिवार को पुर्तगाल पहुंचने के तुरंत बाद अपने पुर्तगाली समकक्ष एंटोनियो कोस्टा से मुलाकात की। प्रधानमंत्री इसके बाद अमेरिका और नीदरलैंड्स भी जाएंगे। मोदी ने कोस्टा से लिस्बन के नेसेसिडाडेस पैलेस में मुलाकात की। भारतीय प्रधानमंत्री की पुर्तगाल की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है। कोस्टा इस साल जनवरी में भारत के दौरे पर आए थे।

मोदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पुर्तगाल, कोस्टा

प्रतीकात्मक तस्वीर

शनिवार को बाद में मोदी दोनों देशों के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर तथा इंडिया-पुर्तगाल स्टार्ट अप हब को लॉन्च करने से पहले प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व करेंगे।

पुर्तगाल रवाना होने से पहले शुक्रवार को बयान में कहा, “प्रधानमंत्री कोस्टा के जनवरी, 2017 में भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों में गतिशीलता आई है।” उन्होंने कहा कि हालिया विचार-विमर्श के आधार पर दोनों देश संयुक्त रूप से शुरू की गई विभिन्न पहलों और फैसलों की समीक्षा करेंगे।

मोदी ने कहा, “हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे, जिसमें आर्थिक सहयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष सहयोग तथा जन सहयोग जैसे विषय प्रमुख होंगे।”

उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद-रोधी सहयोग तथा परस्पर हित के अन्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे।”

प्रधानमंत्री ने पुर्तगाल में निवास करने वाले भारतीय समुदाय से भी मुलाकात को लेकर उत्सुकता जाहिर की। पुर्तगाल ने अक्टूबर, 2005 में भारत में वांछित आतंकवादी अबू सलेम और मोनिका बेदी का भारत को प्रत्यर्पण कर दिया था, जो किसी यूरोपीय देश से भारत को होने वाला पहला प्रत्यर्पण था।

भारत में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर अक्टूबर 2015 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला पुर्तगाल पहला यूरोपीय तथा पश्चिमी देश और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन से बाहर का चौथा देश बना।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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