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मनोरंजन

फिल्मों में रोमांस, एक्शन करना बहादुरी नहीं : ऋषि कपूर

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मुंबई, 15 जून (आईएएनएस)| दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर ने कहा कि पुलिस, दमकलकर्मी और चिकित्सक ही असली हीरो होते हैं।

फिल्मी पर्दे पर रोमांस या लड़ाई करना बहादुरी नहीं है। ऋषि ने बुधवार रात ट्वीट किया, असली हीरो 9/11 के दमकलकर्मी हैं, जो खतरे से वाकिफ होने के बावजूद ट्विन टॉवर में घुसे और अब जलते हुए ग्रेनफेल टॉवर, जहां आग बुझाने के लिए एक बार बहादुरों ने प्रवेश किया। फिल्मों में गीत गाना, रोमांस करना और लड़ाई करना बहादुरी नहीं है। असली हीरो दमकलकर्मी, पुलिस और चिकित्सक हैं। मैं कोई हीरो नहीं था। माफ कीजिएगा।

64 वर्षीय अभिनेता ने यह ट्वीट पश्चिमी लंदन में बुधवार को 24 मंजिला इमारत में भीषण आग लगने के बाद किया।

‘एफे’ की रिपोर्ट के अनुसार, दमकलकर्मियों को मंगलवार आधी रात के कुछ देर बाद केंसिंग्टन के पास एक अपार्टमेंट ब्लॉक, ग्रेनेफेल टॉवर में आग लगने की चेतावनी जारी की गई।

इसके बाद आग बुझाने के लिए करीब 200 दमकलकर्मी और 40 दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं।

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प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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