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राहत : 133 वस्तुओं में से 66 पर जीएसटी दरें घटाई  

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जीएसटी, केंद्रीय वित्त मंत्री, अरुण जेटली,वस्तु एवं सेवा कर

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की यहां रविवार को हुई 16वीं बैठक में 133 वस्तुओं में से उन 66 की दरें घटाई गईं, जिनके लिए अप्रत्यक्ष कर संरचना के चार स्लैब में मूल रूप से निर्धारित ढाचे में बदलाव के लिए सिफारिशें प्राप्त हुई थीं।

जीएसटी, केंद्रीय वित्त मंत्री, अरुण जेटली,वस्तु एवं सेवा कर

नई कर व्यवस्था के प्रस्तावित एक जुलाई से लागू होने से पहले जीएसटी परिषद की अंतिम बैठक रविवार को पूरे दिन जारी रही। इस महीने की शुरुआत में परिषद की 15वीं बैठक में श्रीनगर में 1,211 वस्तुओं पर फैसला किया गया था। इसके बाद सोना व बीड़ी सहित छह बाकी बची वस्तुओं पर फैसला लेने के लिए इसे आयोजित किया गया था।

परिषद के प्रमुख, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अधिकारियों की समिति जरूरत पड़ने पर विभन्न व्यापार और उद्योग संघों से प्राप्त सिफारिशों के आधार पर दर समायोजन की जांच करेगी। उनकी सिफारिशों पर रविवार को परिषद में चर्चा हुई है।

जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “प्राप्त 133 सिफारिशों पर विचार किया गया और अधिकारियों की समिति ने अपनी सिफारिशें दी। परिषद ने 133 वस्तुओं में से 66 पर कर घटा दिया है।”

मंत्री ने स्पष्ट किया कि दो उद्देश्यों को ध्यान में रखकर दर घटाने पर विचार किया गया। उन्होंने कहा, “मौजूदा करों को एक समान बनाए रखना था और कुछ दूसरे मामलों में इस निर्धारण ने समानता के सिद्धांत का उल्लंघन किया था। अन्य में इस कमी की जरूरत अर्थव्यवस्था की बदलती प्रकृति के और उपभोक्ता की बदलती वरीयता के कारण पैदा बदलावों के कारण पड़ी।”

कुछ कटौती की व्याख्या करते हुए जेटली ने कहा कि काजू पर कर में कटौती कर 12 से 5 फीसदी कर दिया गया है। भोजन एवं सब्जी उत्पाद जैसे पैकिंग वाले खाद्य पदार्थो यानी अचार, चटनी, केचप और इंस्टैंट मिश्रित भोजन पर ऐतिहासिक रूप से रहे 18 फीसदी कर को घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया, क्योंकि इन वस्तुओं का आम आदमी उपयोग करता है।

कटलरी पर कर 18 से घटकर 12 फीसदी हो जाएगा, जबकि कंप्यूटर प्रिंटर्स पर भी कर 28 से कम होकर 18 फीसदी हो जाएगा। इंसुलीन और अगरबत्ती पर कर घटकर 12 से पांच फीसदी होगा।

जेटली ने कहा कि दूसरी वस्तुओं में स्कूल बैग पर कर 28 से घटकर 18 फीसदी हो जाएगा, जबकि अभ्यास पुस्तिका पर 18 फीसदी से कम होकर 12 फीसदी होगा।

जीएसटी व्यवस्था के तहत सभी वस्तुओं एवं सेवाओं को चार कर स्लैब 5,12,18 और 28 फीसदी की श्रेणी में रखा गया है। इसमें कर विहीन वस्तुओं को शामिल नहीं किया गया है।

जेटली ने कहा कि मनोरंजन कर पर फिल्म उद्योग के आग्रह के बाद जीएसटी परिषद ने दो स्लैब संरचना वाले सिनेमा टिकट का फैसला किया है। 100 रुपये से कम कीमत वाले टिकट पर 18 फीसदी कर होगा, जबकि इससे अधिक कीमत वाले टिकट पर 28 फीसदी कर लगेगा।

हीरा, चमड़ा, वस्त्र, आभूषण और छपाई जैसे सेक्टर में आउटसोर्सिग के रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए जीसटी दर घटा कर पांच फीसदी किया गया है।

जेटली ने कहा कि इसके अलावा 75 लाख रुपये तक के कारोबार वाले व्यापारी, विनिर्माता और रेस्तरॉ कंपोजीशन योजना का लाभ उठा सकते हैं, जबकि पहले यह योजना 50 लाख रुपये तक के कारोबार के लिए थी। उन्होंने कहा कि लॉटरी और ई-वे बिल दो विशिष्ट मुद्दे हैं, जिन्हें परिषद की 18 जून को होने वाली अगली बैठक में उठाया जाएगा।

 

 

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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