अन्तर्राष्ट्रीय
मलेशियाई विमान उड़ाने की धमकी देने वाला श्रीलंकाई आरोपित
मेलबर्न, 2 जून (आईएएनएस)| आस्ट्रेलिया में श्रीलंकाई मूल के निवासी पर मेलबर्न से कुआलालंपुर जा रहे मलेशिया एयरलाइंस के विमान को उड़ाने की धमकी देने का आरोप तय किया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुरुवार को मनोध मोनारगाला मार्क्स नामक शख्स ने एमएच128 उड़ान के कॉकपिट में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद उड़ान को टेकऑफ से कुछ समय बाद ही मजबूरन मेलबर्न वापस ले जाया गया। इस दौरान मनोध के पास एक बड़ा काले रंग की वस्तु थी, जिसे उसने विस्फोटक बताया था।
विमान पर सवार यात्रियों ने मार्क्स को पुलिस के आने तक पकड़ कर रखा।
सुरक्षा कारणों से मार्क्स को अदालत नहीं ले जाया गया, लेकिन उस पर औपचारिक रूप से एक विमान की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप तय किया गया है और साथ ही मेलबर्न मजिस्ट्रेट्स कोर्ट ने उसकी जमानत को भी खारिज कर दिया है।
अदालत को बताया गया था कि मार्क्स ने हिरासत में उसकी मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराने का आग्रह किया है।
मार्क्स ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और उसे 10 साल की कैद हो सकती है।
पुलिस के अनुसार, मार्क्स को बुधवार को ही मानोवैज्ञानिक अस्पताल से छुट्टी मिली थी और वह मानसिक रोगी रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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