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दिल्ली विधानसभा में कपिल से हाथापाई, बोले नहीं डरूंगा
नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)| मंत्री पद से बर्खास्त किए जा चुके आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता कपिल मिश्रा ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा में भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ अपने आरोप दोहराए। मिश्रा के आरोप लगाने के साथ ही विधानसभा में हंगामा खड़ा हो गया और विधानसभा अध्यक्ष को मिश्रा को बाहर करने का आदेश देना पड़ा।
विधानसभा से बाहर मिश्रा ने आरोप लगाया कि उनके साथ विधानसभा के अंदर आप सदस्यों ने हाथापाई की।
मंत्रिमंडल और पार्टी से निकाले जाने के बाद बीते कई सप्ताह से लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य मंत्रियों पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे कपिल ने कहा कि आप के पांच-सात विधायकों ने उन पर ‘लात-घूंसों’ से हमला किया।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित करने के लिए विशेष तौर पर बुलाई गए विधानसभा सत्र के दौरान मिश्रा दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलने की इजाजत मांगी।
मिश्रा ने विधानसभा के अंदर एक बैनर लहराया और दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार पर चर्चा के लिए रामलीला मैदान में विधानसभा का मुक्ताकाश सत्र बुलाए जाने की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने मिश्रा को चेतावनी दी, लेकिन मिश्रा नहीं रुके। गोयल ने बाद में मार्शलों को मिश्रा को विधानसभा से बाहर ले जाने का आदेश दे दिया।
इससे पहले कि मार्शल मिश्रा तक पहुंच पाते, आप के तीन-चार नेता उनसे उलझ पड़े।
दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही के टेलीविजन प्रसारण में मिश्रा को कई विधायक पकड़े नजर आ रहे हैं और मार्शल उन्हें बैनर लहराने से रोकते नजर आ रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने जब कपिल को बचाने की कोशिश की तो हंगामा और बढ़ गया।
कपिल ने जब बैनर नीचे रखने से मना कर दिया तो विधानसभा अध्यक्ष गोयल ने मार्शलों को मिश्रा को विधानसभा से बाहर करने का आदेश दे दिया।
मिश्रा ने विधानसभा से बाहर पत्रकारों से कहा कि उन्होंने मंगलवार को गोयल को चिट्ठी लिखकर एक विशेष आम सत्र बुलाए जाने का अनुरोध किया था।
मिश्रा ने कहा, मैं भ्रष्टाचार पर चर्चा चाहता था। जब मुझे इसका मौका नहीं मिला तो मैंने रामलीला मैदान में विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की। अचानक आप विधायक मेरी तरफ आए और मेरे साथ मारपीट करने लगे।
मिश्रा ने कहा, ऐसा किसी विधानसभा में पहली बार हुआ है कि मार्शलों की जगह विधायकों को एक विधानसभा सदस्य पर हमला करने के लिए कहा गया हो।
मिश्रा ने दावा किया कि उनके सीने और पीठ पर मुक्के मारे गए।
मिश्रा ने कहा कि वह अपने ऊपर हमला करने वालों में सिर्फ दो विधायकों -मदनलाल और जरनैल सिंह- को पहचान पाए।
उन्होंने कहा, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से इशारा मिलने पर कई विधायक मुझ पर टूट पड़े।
मिश्रा ने कहा कि वह विधानसभा में अपने ऊपर हुए हमले का मुद्दा तीन जून को कांस्टीट्यूशन क्लब में उप-राज्यपाल कें समक्ष रखेंगे और केजरीवाल तथा जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत आम जनता के सामने पेश करेंगे।
मिश्रा ने कहा, मैं आपसे नहीं डरता, चाहे कितने गुंडे भेज दो, मैं हटूंगा नहीं। मैं आप लोगों के सारे घोटालों और भ्रष्टाचारों का खुलासा करूंगा।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष गोयल ने कहा कि मिश्रा और उनके साथ हाथापाई करने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गोयल ने पत्रकारों से कहा, आज (बुधवार) विधानसभा में जो कुछ हुआ, दुर्भाग्यपूर्ण था। विधायकों ने जो किया, वह गलत था। कोई विधानसभा से बाहर जो चाहे कर सकता है, लेकिन विधानसभा के अंदर अनुशासन एवं शिष्टाचार का पालन किया जाना चाहिए।
कांग्रेस और भाजपा ने घटना की निंदा की है।
कांग्रेस प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आईएएनएस से कहा, आप अपने बहुमत का बेजा फायदा उठा रही है। विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश करने के बाद अब वे अपने ही विधायक का गला घोंट रहे हैं।
शर्मिष्ठा ने कहा कि मिश्रा पर हुआ हमला लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए खतरा है।
भाजपा नेता आर. पी. सिंह ने आईएएनएस से कहा, उप-राज्यपाल को विधानसभा की कार्यवाही से जुड़े सारे दस्तावेजों, वीडियो फूटेज का निरीक्षण करना चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
मिश्रा द्वारा लगाए गए आरोपों पर केजरीवाल की चुप्पी की आलोचना करते हुए सिंह ने कहा, मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है और इसीलिए वे इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं।
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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे
उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।
सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”
उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
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