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कुलभूषण जाधव जिंदा है : बासित
नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)| भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने मंगलवार को कहा कि भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव जिंदा हैं।
कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई है। बासित ने समाचार चैनल सीएनएन न्यूज18 चैनल से कहा, मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि वह जिंदा हैं।
उन्होंने कहा कि जाधव की मां ने जो अपील भेजी थी, उसे भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जांजुआ तक पहुंचा दी है।
जाधव को कथित तौर पर तीन मार्च, 2016 को पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी ने एक वीडियो में कबूल किया है कि वह बलूचिस्तान में जासूसी तथा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। हालांकि भारत ने आरोपों से इनकार किया है। अप्रैल महीने में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई।
भारत ने कहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया और उसपर जासूस होने का ठप्पा लगा दिया। जाधव ईरान में कारोबार करते हैं।
इस महीने की शुरुआत में भारत ने हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय अदालत में जाधव मामले में याचिका दाखिल की। सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले में अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है।
बासित ने जाधव के मामले को ‘अति संवेदनशील’ करार दिया है।
उन्होंने नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा दो भारतीय सैनिकों के सिर काटने की बात से भी इनकार किया।
उन्होंने दावा किया, हमारी सेना इस तरह की चीजों में संलिप्त नहीं है।
उल्लेखनीय है कि एक मई को पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए सेना के नायब सुबेदार परमजीत सिंह तथा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हवलदार प्रेम सागर के शवों को क्षत-विक्षत कर दिया गया था।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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