अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान मुस्लिम जगत की एकता के लिए प्रतिबद्ध : शरीफ
रियाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि उनका देश मुस्लिम जगत की एकता और विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव और वार्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉन ऑनलाइन की रपट के मुताबिक, शरीफ का यह बयान रविवार को सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरब और इस्लामी देशों के अन्य नेताओं से बातचीत के दौरान आया, जो पहली अरब-इस्लामिक-अमेरिकी शिखर बैठक के लिए रियाद में जमा हुए थे।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उल्लेखनीय बलिदान दिए हैं। शरीफ ने कहा कि पैगम्बर के इस देश के लिए पूरे मुस्लिम जगत के मन में सम्मान को देखते हुए सऊदी अरब में पहले अरब-इस्लामिक-अमेरिकी शिखर बैठक का आयोजन किया जाना बिल्कुल उपयुक्त है।
शरीफ ने कहा, “बढ़ता आतंकवाद और चरमपंथ आज पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। दुर्भाग्य से पाकिस्तान को यह संघर्ष सबसे ज्यादा झेलना पड़ा है, जिसका उस पर काफी असर पड़ा है।”
उन्होंने कहा, “हमने साहस और दृढ़ विश्वास के साथ आतंकवाद का सामना किया है। इसकी हमें भारी मानवीय और आर्थिक कीमत चुकानी पड़ी है, जिससे हमारा दृढ़ विश्वास और मजबूत हुआ है।”
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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