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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन–पाक आर्थिक कॉरिडोर का राजनीतिकरण न करें : शरीफ

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नवाज शरीफ, चीन–पाक आर्थिक कॉरिडोर, सीपीईसी,

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बीजिंग। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने रविवार को यहां कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) क्षेत्र में सभी देशों के लिए खुला है और इस मुद्दे का राजनीतिकरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

नवाज शरीफ, चीन–पाक आर्थिक कॉरिडोर, सीपीईसी,

Pakistan Prime Minister Nawaz Sharif

शरीफ ने यह टिप्पणी भारत द्वारा चीन के बेल्ट एंड रोड शिखर बैठक का बहिष्कार करने के संदर्भ में की। भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने वाले इस आर्थिक मार्ग के विरोध में इस सम्मेलन का बहिष्कार किया है।

शरीफ ने सम्मेलन के पहले दिन कहा, “मैं स्पष्ट कर दूं कि सीपीईसी एक आर्थिक उपक्रम है, जो इस क्षेत्र के सभी देशों के लिए खुला है। इसकी कोई भौगोलिक सीमा नहीं है। इसका राजनीतिकरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए।”

भारत ने 46 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे के विरोध में इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया। भारत पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर क्षेत्र पर अपना दावा करता है।

सीपीईसी चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना का प्रमुख हिस्सा है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह को शिंजियांग के काशगर से जोड़ता है।

वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महात्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना के जरिए सड़कों, रेल मार्गो और जलमार्गो द्वारा एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़ने की परिकल्पना की गई है।

भारत चीन की इस परियोजना खासकर सीपीईसी को दक्षिण एशिया में इसके प्रभाव को सीमित करने के लिए चीन के एक भू-रणनीतिक परियोजना के रूप में देखता है। सम्मेलन में 29 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, शासनाध्यक्षों और 1,500 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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