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चेनाब घाटी में लश्कर मॉड्यूल का भंडाफोड़, 5 गिरफ्तार

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जम्मू। जम्मू के चेनाब घाटी इलाके में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के माड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि इलाके में आतंकवादी वारदातों में तेजी लाने के उद्देश्य से लश्कर-ए-तैयबा का गठन किया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि छापेमारी में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं।

एक सूत्र ने बताया कि पिछले सप्ताह डोडो जिले में हुए आतंकवादी हमले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों के घायल होने के बाद यह छापेमारी की गई। घायल दोनों अधिकारियों में से बाद में एक की मौत हो गई थी।

डोडा के टांटा पुलिस थाने पर सात मई को हुई गोलीबारी की जांच के लिए डोडा के पुलिस प्रमुख मुहम्मद शाबिर के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई थी। एसआईटी ने फोरेंसिक टीम के साथ छापेमारी की।

सूत्र ने बताया, “स्थानीय सूत्रों से मिली खुफिया जानकारी के अनुसार एसआईटी ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया। संदिग्धों से पूछताछ के दौरान हुए खुलासे के आधार पर टांटा गांव के निवासी अब्दुल राशिद हरगा उर्फ अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर लिया गया। अब्दुल्ला 2001 से 2008 के बीच लश्कर का सक्रिय सदस्य रहा, हालांकि बाद में उसने आत्मसमर्पण कर दिया था।”

हरगा ने लगातार पूछताछ के बाद कबूल कर लिया कि गोलीबारी की घटना में वह भी शामिल था और हमले में शामिल अपने दो साथियों का भी खुलासा किया। हरगा की स्वीकारोक्ति के अनुसार, टांटा पुलिस थाने पर हमले में हरगा का छोटा भाई शौकत अली और टांटा का रहने वाला एक अन्य व्यक्ति अख्तर मगरी शामिल थे।

सूत्रों के अनुसार, हरगा प्रादेशिक सेना में सेवा दे चुके बशीर अहमद के संपर्क में था। बशीर अहमद का भतीजा अल्ताफ अहमद डोडा में विशेष पुलिस अधिकारी रह चुका है। बशीर ने ही हमले के लिए अल्ताफ से हथियार का इंतजाम करने के लिए कहा था।

अल्ताफ ने डोडा के जिला पुलिस लाइन से इसी साल जनवरी में एक एके47 राइफल चोरी की और अपने चाचा बशीर को दे दी।

इस बीच हरगा पाकिस्तान में अपने आका और लश्कर के सदस्य मोहम्मद अमीन उर्फ हारून के संपर्क में था।

सूत्र ने बताया, “हारून और चेनाब घाटी में सक्रिय लश्कर के आतंकवादियों के निर्देश पर संगठन से जुड़े नए सदस्यों को गांडोह बेल्ट में सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा और सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाई।”

सूत्र के अनुसार, “हरगा को सात मई को पता चला कि टांटा पुलिस थाने में सिर्फ दो-तीन पुलिसकर्मी मौजूद हैं, जिसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस थाने पर हमला कर दिया।”

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15 दिन की पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आए पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह, समर्थकों ने किया स्वागत

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पटना। पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह रविवार को पटना की बेऊर जेल से बाहर निकल गये हैं। गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अनंत सिंह को जेल से 15 दिनों की पैरोल मिली है। वह सुबह लगभग 4:00 बजे जेल से बाहर निकले।आनंद सिंह के जेल से बाहर निकलने की सूचना के साथ ही उनके समर्थकों में काफी उत्साह का माहौल है। अनंत सिंह लगभग 5 वर्षों से जेल में बंद है। अनंत सिंह पर एके 47 रखने का आरोप है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। तब से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेउर जेल में सजायाफ्ता बंदी के रूप में सजा काट रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक़ आपसी पारिवारिक बंटवारे को लेकर अनंत सिंह ने न्यायालय में कोर्ट से पैरोल पर इसके लिए आदेश मांगा था। पेरोल पर आदेश मिलने के बाद आनंद सिंह को लेकर गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया था। रविवार की अहले सुबह जब अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर बेउर जेल से बाहर निकाला जा रहा था, उस समय जेल के बाहरी एवं भीतरी सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त कर दिया गया था।

अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह वर्तमान में राजद के विधायक हैं। बिहार में वर्तमान में लोकसभा का चुनाव चल रहा है। चौथे चरण 13 में को बिहार के मुंगेर में लोकसभा के चुनाव का मतदान होना है। इसे लेकर भी अनंत सिंह के जेल से बाहर आने को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

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