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अन्तर्राष्ट्रीय

आतंकवादियों के निशाने पर भारत और अफगानिस्तान

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पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेशनल इंटेलिजेंस, अमेरिका

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न्‍यूयॉर्क। अमेरिका के खुफिया अधिकारी के प्रमुख का कहना है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से भारत और अफगानिस्तान की सुरक्षा खतरे में है।

पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेशनल इंटेलिजेंस, अमेरिका

अमेरिका का दावा है कि पाकिस्‍तान के आतंकवादी इन दोनों देशों पर हमले की योजना बना रहे हैं। दुनिया के खतरों पर एक कांग्रेस की सुनवाई के दौरान नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक डेनियल कोटस ने खुफिया मामलों की सीनेट चयन समिति के सदस्यों से कहा, पाकिस्‍तान अपने यहां और बाहर के  आतंकवादियों को रोकने में विफल रहा है।

कोटस ने कहा, ये आतंकवादी समूह क्षेत्र में अमेरिका के हित पर निरंतर खतरा बनाए रखेंगे। वहीं, भारत और अफगानिस्तान पर हमले की योजना बनाना और हमले करना जारी रखेंगे।

कांग्रेस की यह बैठक दुनियाभर के आतंकि खतरों के मुद्दे पर हुई थी। इंटेलिजेंस एंजसी डायरेक्टर कोट्स ने यह आकलन भी किया है कि 2018 तक अफगानिस्तान में राजनीतिक और सुरक्षा की स्थिति का बिगड़ना तय है।

साथ ही डैनियल ने यह जानकारी भी दी कि अफगानिस्तान जब तक तालिबान के साथ किसी शांति प्रस्ताव पर नहीं पहुंच जाता तब तक वह संघर्ष करता रहेगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि अफगानिस्तान को विदेशी मदद की भी तक तक जरूरत पड़ती रहेगी जब तक वहां पर शांति बहाल नहीं
हो जाती।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान आतंकवाद पर काबू पाने और तालिबान के साथ किसी प्रकार का शांति समझौता करने तक बाहरी समर्थन पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए लड़ता रहेगा।

कोटस ने कहा, हमने आकलन किया है कि इस बीच तालिबान संभवत: अपनी पकड़ बनाना जारी रखेगा। अफगान सुरक्षा बलों का प्रदर्शन तालिबान के अभियानों, संघर्षों में मारे गए लोगों, सेना की वापसी और कमजोर नेतृत्व के चलते और खराब हो सकता है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे अलग-थलग किए जाने और भारत के अमेरिका के साथ बढ़ते गहरे संबंधों और विदेशों में उनकी बढ़ती पहुंच सहित उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती प्रतिष्ठा को लेकर चिंतित हैं। कोटस ने कहा, पाकिस्तान खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग होने से बचाने के लिए चीन की ओर रूख कर सकता है। इस संबंध के मजबूत बनने से बीजिंग को हिंद महासागर में अपना प्रभाव डालने में मदद मिलेगी।

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पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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