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कश्मीरी सैन्य अफसर का अपहरण कर हत्या, जनाजे के दौरान पथराव

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श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने 22 वर्षीय कश्मीरी सैन्य अधिकारी को अगवा कर उनकी हत्या कर दी। बुधवार को अधिकारी को दफनाए जाने के दौरान पत्थरबाजों की सुरक्षाबलों के साथ झड़प हुई।

एक अधिकारी ने बताया कि फैयाज छुट्टियों पर थे और कुलगाम के बाटापुर गांव में एक पारिवारिक विवाह समारोह में शामिल होने गए थे। मंगलवार रात 10 बजे के आसपास आतंकवादियों ने निहत्थे अधिकारी को अगवा कर लिया।

दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले के हारमेन में बुधवार को युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का गोलियों से छलनी शव मिला। वह पिछले साल दिसंबर में सेना में शामिल हुए थे।

राजपूताना राइफल्स के कर्नल और दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट अभय कृष्णा ने कहा, “यह कश्मीर घाटी के लिए निर्णायक क्षण है और कश्मीर के लोग निर्णायक तरीके से आतंकवाद को खत्म देंगे।”

कृष्णा ने अपने शोक संदेश में कहा, “मैं परिवार को आश्वासन देता हूं कि इस घृणित अपराध और कायरतापूर्ण कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” पुलिस ने कहा कि जब अधिकारी के पार्थिव शरीर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी पैतृक कब्रगाह में दफनाने के लिए ले जाया जा रहा था, तब जनाजे को बाधित करने के उद्देश्य से लगभग दो दर्जन प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया।

रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने अफसर की हत्या को कायरतापूर्ण कृत्य कहा है और सेना ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया है।

रक्षा मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “शोपियां में आतंकवादियों द्वारा लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का अपहरण और उनकी हत्या एक कायरतापूर्ण कृत्य है। जम्मू एवं कश्मीर का यह युवा अधिकारी एक रोल मॉडल है।”

जेटली ने कहा कि सरकार दुख की इस घड़ी में फैयाज के परिवार के साथ है। उन्होंने साथ ही कहा कि फैयाज घाटी के युवाओं को प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने कहा, “उनकी शहादत ने घाटी से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने की देश की प्रतिबद्धता को दोहराया है।”

जम्मू एवं कश्मीर में लगातार घट रही आतंकवादी घटनाओं के बावजूद भारी संख्या में घाटी के युवा मुस्लिम सेना तथा अर्धसैनिक बलों में भर्ती हो रहे हैं। जम्मू एवं कश्मीर पुलिस में अधिकांश पुलिसकर्मी मुस्लिम समुदाय से हैं।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हत्या की निंदा करते हुए कहा, “यह जानकर और दुख हो रहा है कि अधिकारी छुट्टी पर थे और एक शादी समारोह में शिरकत करने गए थे।”

हॉकी तथा बॉलीवॉल के खिलाड़ी फैयाज राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से पास आउट थे और उन्हें सितंबर में यंग ऑफिसर्स कोर्स के लिए जाना था। वह जम्मू एवं कश्मीर के अखनूर जिले में राजपूताना राइफल्स में पदस्थापित थे।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा, “एक कायरतापूर्ण कृत्य के तहत कुछ अज्ञात आतंकवादियोंने मंगलवार को निहत्थे, युवा सैन्य अधिकारी उमर फैयाज को अगवा करने के बाद उनकी हत्या कर दी।”

इससे पहले, जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने एक परामर्श में अपने कर्मियों को पैतृक निवास खासकर दक्षिण कश्मीर के इलाकों में न जाने की हिदायत दी थी। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग तथा कुलगाम में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गई हैं।

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नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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