अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में जाधव के खिलाफ 7 आरोप लगाए गए
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश नीति प्रमुख सरताज अजीज ने शुक्रवार को कहा कि कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान के अहम प्रतिष्ठानों पर आईईडी हमला और शियाओं पर हमले सहित सात आरोप लगाए गए हैं।
अजीज ने जाधव पर लगे आरोपों की सूची को पढक़र सुनाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कथित जासूसी तथा विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में मौत की सजा पाए कुलभूषण जाधव की निम्न विध्वंसक गतिविधियों में सीधी संलिप्तता पाई गई है :
-उन्होंने बलूचिस्तान के ग्वादर तथा तुरबत में आईईडी व ग्रेनेड हमलों को प्रायोजित किया व निर्देश दिया।
-ग्वादर जिले में जिवानी बंदरगाह के ठीक सामने समुद्र में रडार स्टेशन तथा नागरिक नौकाओं पर हमले का निर्देश दिया।
-पाकिस्तानी, खासकर बलूचिस्तान के युवाओं को देश में विध्वंसक हमलों के लिए उकसाने के लिए अलगाववादी तथा आतंकवादी तत्वों को हवाला/हुण्डी के माध्यम से वित्तीय मदद दी।
-बलूचिस्तान के सिबी तथा सुई इलाकों में गैस पाइपलाइनों तथा बिजली के खंभों में विस्फोट को प्रायोजित किया।
-क्वेटा में 2015 में विस्फोट को प्रायोजित कर बड़े पैमाने पर जान व माल का नुकसान पहुंचाया।
-क्वेटा में हजार समुदाय के लोगों पर हमला तथा ईरान जा रहे और वहां से आ रहे शिया जायरीनों पर हमलों को प्रायोजित किया।
– तुरबत, पुंजगुर, ग्वादर, पसनी तथा जिवनी में साल 2014-15 के दौरान सुरक्षाबलों पर हमलों के लिए देश विरोधी तत्वों को उकसाया।
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में इन्हीं कथित गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। जाधव से भारतीय उच्चायोग के संपर्क को लेकर भारत के 14वें प्रयास को पाकिस्तान ने शुक्रवार को खारिज कर दिया।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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