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प्रादेशिक

योगी ने मांगी कामधेनु योजनाओं की समीक्षा रिपोर्ट  

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लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों को कामधेनु, मिनी व माइक्रो कामधेनु योजनाओं की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। पशुधन को अपनी अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग मान रहे मुख्यमंत्री का कहना है कि पशुपालन के माध्यम से पशुपालकों व किसानों की आय काफी हद तक बढ़ाई जा सकती है।

पशुपालन विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित करते हुए शनिवार को योगी ने कामधेनु, मिनी कामधेनु तथा माइक्रो कामधेनु योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा, “इनके अंतर्गत स्थापित की गई डेयरियों की सही जानकारी फील्ड में जाकर एकत्रित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही गोकुल ग्राम योजना का लाभ प्रदेश में संचालित की जा रही योजनाओं के अंतर्गत पशुपालकों को कैसे उपलब्ध हो, इस पर कार्य किया जाए।” उन्होंने पशुओं में फैलने वाले खुरपका तथा मुंहपका रोगों की रोकथाम के लिए इन रोगों के टीके पशुओं को नि:शुल्क लगाए जाने के निर्देश दिए। साथ ही गोरखपुर में एक पशु-चिकित्सा कॉलेज स्थापित करने के भी निर्देश दिए।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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