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एक अप्रैल से ऑनलाइन होगा सेंसर बोर्ड, लेकिन फिल्मों के लिए नहीं

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मुंबई । विवादों में घिरे रहने वाले सेंसर बोर्ड की कार्यप्रणाली में व्यापक फैसला लेते हुए, एक अप्रैल से ऑनलाइन प्रोसेसिंग की शुरुआत होने जा रही है। सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि दो साल की कड़ी मेहनत के बाद अब ऑनलाइन प्रोसेस की योजना तैयार हो चुकी है और इसे एक अप्रैल से लागू किया जा रहा है।

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पहलाज निहलानी ने बताया कि एक अप्रैल और इसके बाद से फिल्मों के टीजर, ट्रेलर, एड फिल्मों, डॉक्युमेंट्री फिल्मों और शॉर्ट फिल्मों के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं और साथ ही ऑनलाइन ही संबंधित पेपर भी जमा किए जा सकते हैं। इन पेपरों की जांच के बाद सेंसर बोर्ड की ओर से ऑनलाइन ही इनके लिए सार्टिफिकेट जारी कर दिए जाएंगे। इसके लिए इनके निर्माता या प्रोडक्शन टीम को सेंसर बोर्ड के दफ्तर आने की जरुरत नहीं होगी।

साथ ही पहलाज निहलानी ने साफ किया कि अभी फीचर फिल्मों को इस दायरे से बाहर रखा गया है। पहलाज का कहना है कि फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड का अभी तक जारी सिस्टम ही काम करेगा और इसमें फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब ये है कि फिल्मों को लेकर सारे कागजात सेंसर बोर्ड के दफ्तर में जाकर ही जमा कराने होंगे और फिल्म की स्क्रीनिंग भी करनी होगी।

शो देखने के बाद सेंसर बोर्ड फिल्म के लिए सर्टिफिकेट जारी करने को लेकर फैसला लेगा। पहलाज ने ये जोड़ा कि एक बार आवेदन और जरूरी कागजात मिलने के बाद अगर सब कुछ सामान्य रहा और सेंसर को कोई आपत्ति नहीं हुई, तो फिल्म को सर्टिफिकेट ऑनलाइन जारी किया जा सकता है। इसके लिए निर्माता को सेंसर बोर्ड आने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन अगर किसी फिल्म को लेकर सेंसर को आपत्ति होती है, तो फिर मौजूदा सिस्टम के तहत ही कार्रवाई की जाएगी।

बॉलीवुड में इस फैसले का स्वागत किया गया है। निर्माताओं के संगठन के प्रमुख मुकेश भट्ट ने इसे सही दिशा में एक छोटा कदम बताया है। उनका कहना है कि इसका फायदा फिल्म इंडस्ट्री को उसी वक्त होगा, जब पूरा सिस्टम ऑनलाइन काम करना शुरू कर देगा।

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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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