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हेल्थ

युवावस्था में मातृत्व में समस्याओं का समाधान करेंगे विशेषज्ञों के ये सुझाव

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नई दिल्ली | हाल ही में मातृत्व पर किए गए एक बयान से विवादों में घिरी अभिनेता शाहिद कपूर की पत्नी मीरा जिस चीज का सामना कर रही हैं, उससे युवावस्था में ही मां बनने वाली हर महिला को गुजरना पड़ता है। हालांकि, मीरा और उन जैसी हर महिला के लिए अब घबराने की कोई बात नहीं है, क्योंकि विशेषज्ञों ने ऐसी समस्याओं के समाधान निकाले हैं।

इस माह एक समारोह में शामिल हुईं मीरा ने कहा था, “मैं काम की जल्दबाजी में अपने बच्चे के साथ एक घंटे का समय नहीं बिताना चाहूंगी। वो पप्पी नहीं है, मैं एक मां होने के नाते उसके साथ हर पल रहना चाहती हूं।”

‘बेबी डव’ की नैदानिक मनोवैज्ञानिक और विशेषज्ञ सलाहकार वर्खा चुलानी और मुंबई में रहने वाली मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक रीटा खेर ने इस समस्या को सुलझाने के लिए कुछ सुझाव साझा किए हैं।

1. स्वयं पर विश्वास रखें : युवावस्था में जल्द मां बनने के कारण आपको बच्चे की परवरिश के लिए कई लोगों से अलग-अलग तरीके के सुझाव मिलते हैं। इन सभी से परेशान न हों और शांत रहकर उन सभी सुझावों पर विचार करें, जो आपको मिल रहे हैं। हालांकि, आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छी चीज का चुनाव आप अपने सहज ज्ञान से कर सकती हैं।

‘बेबी डव’ की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण ‘रियल मदर्स हर्ड’ से यह सामने आया है कि 70 प्रतिशत भारतीय महिलाएं मातृत्व पर मिलने वाले सुझावों से दुविधा में पड़ जाती हैं और इस कारण वह स्वयं के चुनाव पर भी आशंकित रहती हैं। इसलिए, जरूरी है कि एक मां अपने सहज ज्ञान पर भरोसा रखे और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने बच्चे की परवरिश को लेकर फैसला ले।

2. अपने काम पर वापसी का फैसला : कुछ महिलाओं के लिए अपने बच्चे के जन्म के लिए ली गई छुट्टियों के बाद काम पर वापस जाने का फैसला लेना मुश्किल होता है। इस सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि 68 प्रतिशत भारतीय महिलाएं अपने काम पर वापस जाने से स्वयं को दोषी मानती हैं।

अपने काम पर वापस जाना एक बड़ा फैसला है और इसे हर मां को अपने घर की स्थिति को ध्यान में रखकर स्वयं ही करना होता है। अगर आप अपने मातृत्व और काम के बीच संतुलन बनाए रखने को लेकर आश्वस्त हैं, तो आप काम पर वापसी कर सकती हैं।

3. समय और स्वयं के लिए प्रबंधन करना हर मां को सीखना चाहिए। आपके लिए मां बनना एक नया अनुभव होता है और पहली बार आपको इस जिम्मेदारी को संभालने में कुछ असहजता भी महसूस होती है, क्योंकि इसके कारण आपकी दिनचर्या में बदलाव आता है।

मां को शांत और स्वयं पर संयम रखने की जरूरत है। नई मांगों को अपनाने के लिए तैयार रहें। एक अभिभावक के तौर पर आपका जीवन हमेशा के लिए बदल जाता है। इसलिए, अच्छा यहीं है कि आप इस सच को अपना लें और इसके साथ शांत रूप से रहें।

4. एक मां को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि सब कुछ सही होगा। इसलिए, चिंता की जरूरत नहीं है। बच्चों के डायपर बदलना, उनका आहार और उनकी नींद। इन सब चीजों का आपको ध्यान रखना होता है और यह भी ध्यान रखिए कि ये दिन जल्दी गुजर भी जाते हैं। इसलिए, हर दिन को एक नए सिरे की शुरुआत समझें और अपने परिवार से इन सभी चीजों में मदद लेने की भी कोशिश करें।

लाइफ स्टाइल

गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल

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benefits of eating radish daily in summer

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नई दिल्ली। लोगों को लगता है कि मूली केवल सर्दियों में उगती है और इसे तभी खाया जाता है, लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं, जैसे कि गाजर। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है।

इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।

सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली?

RBC को बढ़ाए: मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।

हाई फाइबर: अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।

दिल के लिए फायदेमंद: मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाए: मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।

ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है: मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।

मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद: यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।

न्यूट्रिशन से भरपूर: लाल मूली में विटामिन ई, ए, सी, बी6 और के होता है और यह सभी हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शन करने में मदद करती है।

स्किन के लिए फायदेमंद: हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है।

इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।

हाइड्रेट: गर्मियों में मूली खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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