अन्तर्राष्ट्रीय
गलती से नियंत्रण रेखा पार करने वाले दो भारतीयों को पाकिस्तान ने भेजा स्वदेश
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने कल कश्मीर के दो भारतीय व्यक्तियों को स्वदेश भेज दिया। ये दोनों युवक साल 2014 और 2015 को गलती से बार्डर पार करके पाकिस्तान आ गए थे। जिसके बाद पाकिस्तान वे उनको कल वापस भेज दिया।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि 23 वर्षीय बिलाल अहमद जुलाई, 2015 में और 24 वर्षीय अरफाज यूसुफ जनवरी, 2014 में गलती से नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे और तब से यहां फंसे हुए थे।
पाकिस्तान ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर लेने के बाद उन्हें भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया। इतना ही नही उन्हे भेजते वक्त पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें उपहार स्वरूप कपड़े, स्वेटर, बैग, जूते और मिष्ठान भी दिए।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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