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नर्सरी दाखिले के दिशा-निर्देशों पर दिल्ली उच्च न्यायालय की रोक

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नर्सरी दाखिले के दिशा-निर्देशों पर दिल्ली उच्च न्यायालय की रोक

नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को शिक्षा निदेशालय द्वारा नर्सरी में दाखिले को लेकर जारी उस अधिसूचना पर रोक लगा दी, जिसमें 298 निजी स्कूलों को नजदीक में रहने वाले बच्चों को दाखिला देने के लिए मजबूर किया गया था। न्यायायल ने इस अधिसूचना को ‘अतार्किक’ करार दिया। न्यायमूर्ति मनमोहन ने देश की राजधानी में साल 2017-18 के शैक्षणिक सत्र के लिए नर्सरी कक्षा में दाखिले को लेकर दिशा-निर्देश पर रोक लगाने का आदेश देते हुए सात जनवरी को जारी अधिसूचना को ‘मनमाना’ तथा ‘भेदभावपूर्ण’ करार दिया।

शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में स्कूलों में दाखिले के लिए बच्चों के घर से स्कूल की दूरी को आधार बनाया था।

न्यायालय ने नर्सरी दाखिले में अव्यवस्था का कारण दिल्ली में अच्छे स्कूलों की कमी बताई है।

न्यायालय का यह फैसला दिल्ली के दो स्कूल निकायों और कुछ अभिभाभवकों द्वारा निदेशालय के दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिका याचिका की सुनवाई के मद्देनजर आया है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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