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अन्तर्राष्ट्रीय

फिलीपींस में ट्रंप की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

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फिलीपींस में ट्रंप की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

मनीला | फिलीपींस की राजधानी मनीला में दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के विरोध में अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। शनिवार को लगभग 100 लोगों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया जिसमें लीग ऑफ फिलीपीनों स्टूडेंट्स और वामपंथी न्यू पैट्रियॉटिक अलायंस सहित विभिन्न समूहों के सदस्यों ने हिस्सा लिया।

विरोध मार्च के दौरान इन्होंने ट्रंप की तस्वीरों वाले प्लेकार्ड पकड़ रखे थे। इसके साथ ही ये ‘नो डिपॉर्टेशन’ वाले बैनर लिए हुए थे। इसके साथ ही कई लोग ‘ट्रंप से लड़ो! फांसीवाद और साम्राज्यवाद का विरोध’ के संदेश वाला बैनर पकड़े हुए थे।

विरोध प्रदर्शन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश की निंदा की गई जिसके तहत सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इसके साथ ही अमेरिका, फिलीपींस संयुक्त सैन्याभ्यास की भी आलोचना की गई। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप से न्यू पीपुल्स आर्मी को अमेरिका की विदेशी आतंकवादी संगठनों वाली सूची से भी हटाने का आग्रह किया।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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