लाइफ स्टाइल
चेहरे को बनाएं बढ़ती उम्र से बेअसर
नई दिल्ली | बढ़ती उम्र में चेहरे पर झुर्रिया पड़ने लगती हैं, ऐसे में कई महिलाएं जवां दिखने की चाहत में कई मिथकों को मानने लगती हैं, जैसे ग्रीन जूस से चेहरे पर चमक आती हैं और जवां लुक मिलता है, लेकिन जवां दिखने के लिए सिर्फ ये उपाय ही काफी नहीं हैं। कुछ और भी तरकीब अपनाने की जरूरत है। ओरिफ्लेम इंडिया की सौंदर्य एवं मेकअप विशेषज्ञ आकृति कोचर ने बढ़ती उम्र को रोकने यानी एंटी-एजिंग से जुड़े मिथकों के बारे में ये जानकारियां दी हैं :
* एंटी-एजिंग से जुड़ा एक मिथक यह है कि रोजाना ग्रीन जूस के सेवन से खून साफ होता है और चेहरे पर चमक आती है। यह बात सच है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि सिर्फ एक उपाय से आपके चेहरे पर चमक आ जाए और आप जवां दिखने लगे, इसलिए अपनी दिनचर्या में क्लीजिंग, टोनिंग और मॉइश्चिराइजिंग को जरूर शामिल करें। बाहर जाने पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। व्यायाम और संतुलित आहार का सेवन करें। बढ़ती उम्र के असर को रोकने के लिए आपको अपनी जीवनशैली से जुड़ी हर पहलू पर ध्यान देना होगा।
* जवां दिखने के लिए पानी खूब पनी चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा में नमी बरकरार रहती है और शरीर में से हानिकारक विषाक्त पदार्थ भी निकल जाते हैं, लेकिन सिर्फ इतना नाकाफी है और आपको जवां दिखने के लिए अपनी दिनचर्या, स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा।
* यह मिथक खूब प्रचलित है कि मॉइश्चराइजर के इस्तेमाल से सारी झुर्रियां दूर हो जाती हैं। यह आपकी त्वचा को नमी प्रदान करता है, और पोषित त्वचा लंबे अर्से तक जवां नजर आती है, लेकिन झुर्रियां दूर करने के लिए सही डे और नाइट क्रीम, सीरम व तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना चाहिए।
* युवावस्था में ही एंटी-एजिंग क्रीम का इस्तेमाल करने की सलाह भी दी जाती है, लेकिन यह भी महज एक मिथक ही है। त्वचा का रंग काला पड़ जाना और रूखापन आदि झुर्रियां पड़ने का पहला संकेत होते हैं। वैसे, सामान्यतया 30 की उम्र के बाद ही झुर्रिया पड़ती हैं , लेकिन सही देखभाल और सही जीवनशैली का अभाव और तनावपूर्ण जीवन से यह कम उम्र में नजर आ सकती हैं, इसलिए स्वास्थ्य पर खास ध्यान दें।
* कुछ लोग एंटी-एजिंग को जीन से जोड़ते हैं, लेकिन सच तो यह है कि अगर आपके दादा-दादी, माता-पिता स्वस्थ जीवनशैली को अपनाते हैं और आप नहीं अपनातीं तो आपका जवां लुक समय से पहले गायब हो सकता है। जलवायु, प्रदूषण, तनाव, त्वचा की देखभाल और जीवनशैली आदि आपकी त्वता पर असर डालती हैं।
* यह जरूरी नहीं कि महंगे उत्पाद के इस्तेमाल से आपको जवां लुक मिल जाएं इसलिए, सोच-समझकर ही किसी भी सौंदर्य उत्पाद का प्रयोग करें।
* मुस्कुराना या फ्राउनिंग (त्योरी चढ़ाना) चेहरे के लिए एक प्रकार का महज व्यायाम हो सकते हैं, इनसे झुर्रियां नहीं पड़तीं। धूम्रपान करने से, त्वचा में नमी की कमी, तनाव आदि कारणों से झुर्रियां पड़ती हैं।
* आपकी पूरी दिनचर्या, जीवनशैली का आपके शरीर और त्वचा पर काफी असर पड़ता है, इसलिए प्रसन्नचित रहें और संतुलित व स्वस्थ आहार ग्रहण करें।
* सनस्क्रीन युक्त सौंदर्य उत्पाद का मेकअप में प्रयोग करना बेहतर विकल्प है, लेकिन याद रखें कि यह सनस्क्रीन लोशन के जितना प्रभावी नहीं हो सकता, इसलिए घर से बाहर निकलने से पहले कम से कम आधे घंटे पहले जरूर सनस्क्रीन लगाएं, ताकि यह त्वचा में अच्छी तरह से अवशोषित हो जाएं।
योग एवं आयुर्वेद
ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी
नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-
- रनिंग
रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।
- वेट लिफ्टिंग
वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।
- योगा
बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।
- धूप का सेवन
धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।
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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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