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आरएसएस मानहानि मामला: राहुल गांधी को राहत, कोर्ट ने तीन मार्च तक टाला केस
ठाणे (महाराष्ट्र)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां सोमवार को कहा कि वह उस विचारधारा से लड़ रहे हैं, जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की। उनकी लड़ाई उनसे है, जिन्होंने गांधी को मारा, गांधी को कैलेंडर से हटाया।
भिवंडी की अदालत में पेश होने के बाद मीडिया से बातचीत में राहुल ने कहा कि गांधी की हत्या कर दी गई, लेकिन उनके विचारों और सिद्धांतों को मिटाया नहीं जा सकता।
कांग्रेस उपाध्यक्ष मानहानि के एक मुकदमे के सिलसिले में अदालत में पेश हुए। यह मुकदमा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कायकर्ता राजेश कुंटे ने दायर किया था। राहुल ने 6 मार्च, 2014 को लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के तहत भिवंडी में अपनी पार्टी की एक रैली में कहा था कि ‘गांधी को आरएसएस के लोगों ने मारा।’ उनका यह बयान कुंटे पर नागवार गुजरा। मुकदमे की अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी।
इससे पहले इस मामले की सुनवाई 16 नवंबर, 2016 को हुई थी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने राहुल गांधी को जमानत दे दी थी। राहुल की अदालत में दूसरी पेशी महात्मा गांधी बलिदान दिवस पर हुई। उन्होंने कहा, “मेरी लड़ाई विचारधारा के खिलाफ है, वो विचारधारा, जिसने गांधी की हत्या की।”
राहुल ने कहा, “मेरी लड़ाई उनसे है, जिन्होंने गांधी को मारा, जिन्होंने गांधी को (खादी ग्रामोद्योग के) कैलेंडर से हटाया।” उन्होंने आगे कहा, “गांधी भारत के दिल में हमेशा जीवित रहेंगे। उन्होंने गांधी को मार दिया, लेकिन उनकी छाप को मिटा नहीं सकते।”
आरएसएस के पूर्व सदस्य नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में राष्ट्रपिता के सीने पर तीन गोलियां दाग दी थीं। महात्मा गांधी उस समय बिड़ला भवन में होने वाली प्रार्थना सभा में जा रहे थे। झाडिय़ों में छिपे गोडसे ने नजदीक आकर गांधी को पहले प्रणाम किया, उसके बाद उनके सीने पर गोलियां चला दीं। लहूलुहान गांधी के मुंह से ‘हे राम’ शब्द निकला और उनका शरीर हमेशा के लिए शांत हो गया।
इस तरह आजाद भारत में अहिंसा के पुजारी का हिंसा से अंत कर दिया गया। गोडसे ने जिन दिनों गांधी की हत्या की, उस समय वह आरएसएस का सदस्य नहीं, बल्कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा का सदस्य था। वह वर्षों पहले आरएसएस छोड़ चुका था, लेकिन समान विचारधारा वाले संगठन से जुड़ा था।
केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मार्गदर्शक संगठन यह मानने को तैयार नहीं है कि गांधी की हत्या ‘आरएसएस’ ने करवाई, क्योंकि उसके पास सबूत है कि गांधी की हत्या के समय गोडसे आरएसएस का सदस्य नहीं था।
महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती में 19 मई, 1910 को जन्मे नाथूराम गोडसे की हिंदूवादी विचारधारा थी। उसने ‘अगणी’ और ‘हिंदू राष्ट्र’ नामक समाचारपत्रों का संपादन किया था।
अंबाला की जेल में 15 नवंबर, 1949 को गोडसे को फांसी दे दी गई। उस समय वह मात्र 39 वर्ष का था। उसकी विचारधारा को मानने वाले भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने दो साल पहले संसद भवन के आगे मीडिया के सामने कहा था कि गोडसे हमारे लिए पूजनीय हैं, अगर कहीं उनकी पूजा होती है या प्रतिमा स्थापित की जाती है तो इसमें हर्ज क्या है। उनके इस बयान की तीखी आलोचना हुई थी, पार्टी नेतृत्व ने उन्हें नोटिस दिया था। इसके बाद संत वेशधारी सांसद ने कहा था, “मैंने ऐसा नहीं कहा था।”
उत्तर प्रदेश
कन्नौज में बोले सीएम योगी- उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे
कन्नौज। देश में तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। चौथे चरण में सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए सभी पार्टियां जी जान से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं। इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्नौज में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश और इस राज्य की जनता ने अपना मन बना लिया है। हम उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे और उसकी माला बनाकर माननीय प्रधानमंत्री के गले में पहनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने देश में 400 से भी ऊपर सीटें जीतने का दावा किया।
उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि ये नया भारत केवल बोलता ही नहीं है करके दिखाता है। भाजपा ने कहा था कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। तब समाजवादी पार्टी के लोग रामभक्तों पर गोलियां चलाते थे। बोलते थे परिंदा भी पर नहीं मार सकता लेकिन हमने आज मंदिर वहीं बनाकर दिखाया है। 500 सालों बाद इस वर्ष पहली बार प्रभु श्री राम ने अयोध्या की इस पावन धरती पर होली भी खेली और अपना जन्मदिन भी मनाया है। पहली बार भगवान राम का सूर्य तिलक भी हुआ है। ये अद्भुत घटनाएं भारत में कभी-कभी होती है और हम सौभाग्यशाली है जो इन घटनाओं को अपनी आंखों के सामने होते हुए देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे कन्नौज से चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं कि इंडी गठबंधन को यहां प्रत्याशी नहीं मिल रहा था। सपा अध्यक्ष कह रहे हैं कि सेवा करना चाहता हूं। जब मौका था, तब कन्नौज के इत्र में बदबू फैलाने का काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अखिलेश से कन्नौज के लड़ने का कारण बताया। सीएम योगी ने कहा, उम्मीदवार ढूंढे नहीं मिल रहे थे, तो उन्होंने खुद दांव आजमा लिया। पहले को टिकट दिया, फिर उसका टिकट काट दिया, दूसरे को दिया तो वह मैदान छोड़कर भाग गया। तीसरे की घोषणा की तो वह मना कर दिया। जब कोई नहीं मिला तो खुद लड़ने चले आए।
योगी ने कहा, जब मौका मिला तब बदबू फैला रहे थे। हर दूसरे दिन यूपी में दंगा कराते थे। इनके शासन में बेटियों-व्यापारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ होता था। गरीबों के हकों पर डकैती पड़ती थी। मुख्यमंत्री आवास बुलाकर दंगाइयों का महिमामंडन करते थे, लेकिन अब नए भारत का नया उप्र दंगाइयों व कर्फ्यू लगाने वालों से कैसे निपटता है, यह आप भी देख रहे होंगे। सीएम योगी ने कहा कि नए भारत में सुरक्षा, गरीब कल्याण, विकास, विरासत और आस्था का सम्मान है। सपा रामभक्तों पर गोली चलाती थी, आतंकियों के मुकदमे वापस लेती थी और भाजपा राम मंदिर बनवाती है। आपने वोट देकर भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली व लखनऊ सरकार को चुना है, इसलिए आपके योगदान की बदौलत अयोध्या में 500 वर्ष के बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है।
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