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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया मध्यम दूरी की मिसाइल दाग सकता है : दक्षिण कोरिया

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उत्तर कोरिया मध्यम दूरी की मिसाइल दाग सकता है : दक्षिण कोरिया

सियोल | उत्तर कोरिया मध्यमवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) दाग सकता है। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, “उत्तर कोरिया द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) मिसाइल दागे जाने के कोई संकेत नहीं है लेकिन हम देश में किसी तरह की नई सैन्य गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं क्योंकि दक्षिण कोरिया अपने सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के निर्देश पर कभी भी आईआरबीएम को दाग सकता है।”

समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने कहा था कि वह इस साल आईसीबीएम को दागे जाने के लिए तैयार है।

किम ने नववर्ष के अपने संबोधन में कहा था कि देश ने आईसीबीएम मिसाइल दागे जाने की तैयारियों के अंतिम चरण में प्रवेश कर लिया है।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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