मुख्य समाचार
चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्रालयों और सरकारी विभागों के कसे पेंच
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने शनिवार को केंद्र सरकार द्वारा आदर्श आचार संहिता का सम्मान न किए जाने पर चिंता व्यक्त की और कहा कि केंद्र सरकार को ‘सख्ती’ से निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने कैबिनेट सचिव पी. के. सिन्हा को 27 जनवरी को भेजी चि_ी में कहा है कि कुछ मंत्रालयों और सरकारी विभाग ऐसे फैसले ले रहे हैं जो ‘चुनाव वाले राज्यों में चुनाव को प्रभावित करने वाले हैं’। निर्वाचन आयोग ने हालांकि लिए गए फैसलों का साफ-साफ जिक्र नहीं किया है।
निर्वाचन आयोग ने चि_ी में लिखा है, “निर्वाचन आयोग ने पाया है कि कुछ खास मामलों में मंत्रालयों और विभागों ने ऐसे फैसले लिए हैं, जो चुनाव वाले राज्यों में चुनाव को प्रभावित करने वाले हैं और इन फैसलों के बारे में आयोग को अवगत भी नहीं कराया गया। इस तरह के फैसलों में नीति आयोग, रक्षा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले शामिल हैं।”
निर्वाचन आयोग ने कैबिनेट सचिव को इस मामले से संबंधित सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का ‘सख्ती’ से पालन करने के लिए ‘जरूरी निर्देश’ जारी करने के लिए भी कहा।
नेशनल
जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।
अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”
बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।
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