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चुनाव आयोग का RBI को पत्र, उम्मीदवारों को दो लाख निकालने की सुविधा मिले

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election commisionनई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर को पत्र लिखकर आग्रह किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के लिए धन निकासी की सीमा 24 हजार रुपये साप्ताहिक से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जाए।

आयोग ने कहा कि हरेक उम्मीदवार एक अलग बैंक खाता खोले और चुनाव के दौरान की सभी पावतियां और भुगतान उसी खाते से किए जाएं।

आयोग ने कहा है कि 24,000 साप्ताहिक निकासी सीमा के कारण उम्मीदवार चुनाव से पहले मिलने वाले तीन-चार सप्ताह के दौरान सिर्फ 96,000 रुपये ही निकाल पाएंगे। जबकि पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए एक उम्मीदवार के लिए निर्धारित अधिकतम खर्च सीमा 28 लाख रुपये है, और मणिपुर व गोवा के लिए 20 लाख रुपये है।

आयोग ने एक पत्र में कहा है, “निर्वाचन आयोग को विभिन्न पार्टियों ने बैंकों से नकदी निकासी की सीमा के कारण उम्मीदवारों को हो रही परेशानी के बारे में बताया है।”

अयोग ने कहा है, “यद्यपि खर्च का कुछ हिस्सा चेक के जरिए होगा, लेकिन छोटे-मोटे दैनिक खर्च आम तौर पर नकदी में होते हैं।”

पत्र में कहा गया है, “यह मुद्दा ग्रामीण इलाकों में अधिक गंभीर है, जहां बैंक सुविधा नहीं है या है भी तो पर्याप्त नहीं है। इसलिए अनुरोध किया जाता है कि उम्मीदवारों के लिए धन निकासी सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी जाए।”

 

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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