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गैलेक्सी नोट 7 में आग लगने की वजह खराब बैटरी : सैमसंग
सियोल | सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने सोमवार को कहा कि गैलेक्सी नोट 7 स्मार्टफोन में विस्फोट खराब बैटरी की वजह से हुए। कंपनी ने साफ किया है कि स्मार्टफोन के हार्डवेयर डिजाइन या सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी की वजह से नहीं, बल्कि खराब बैटरी की वजह से विस्फोट हुए हैं।
कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “हमारी और तीन स्वतंत्र औद्योगिक संगठनों की जांच पूरी होने पर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि गैलेक्सी नोट 7 की बैटरी खराब होने से विस्फोट हुए।”
सैमसंग नोट 7 में आग लगने की वजह से कंपनी ने अक्टूबर 2016 में इन्हें बाजार से वापस ले लिया था।
कंपनी के मुताबिक, नोट 7 की बैटरियों में डिजाइन और विनिर्माण संबंधी मुद्दों को विस्फोट का जिम्मेदार ठहराया गया था, लेकिन बैटरी की मूल समस्या जानने के लिए अतिरिक्त जांच जरूरी थी।
सैमसंग के लगभग 700 शोधकर्ता और इंजीनियरों ने 200,000 से अधिक उपकरणों और 30,000 बैटरियों की जांच कर इसका पता लगाया।
सैमसंग के स्मार्टफोन कारोबार प्रभाग के प्रमुख कोह डोंग जिन ने नोट 7 को बाजार से वापस लेने पर माफी मांगी और इस घटना की कंपनी की साख प्रभावित होने पर दोबारा उपभोक्ताओं का विश्वास हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई।
कोह ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, “कंपनी ने इस दिशा में कई एहतियाती कदम उठाए हैं, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। इसमें उत्पाद की योजना के समय विभिन्न सुरक्षा मानक सुनिश्चित करना है।”
सूत्रों के मुताबिक, नोट 7 को बाजार से वापस लेने पर कंपनी को लगभग 5.3 अरब डॉलर की चपत लगी है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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