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बादल के खिलाफ लांबी से चुनाव लड़ेंगे अमरिंदर

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बादल के खिलाफ लांबी से चुनाव लड़ेंगे अमरिंदरचंडीगढ़ | क्रिके टर से राजनीतिक नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के पार्टी में शामिल होने से उत्साहित कांग्रेस ने सोमवार को घोषणा की कि उसके प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ उनके (बादल के) पारंपरिक विधानसभा क्षेत्र लांबी से चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस ने यह भी घोषणा की कि लुधियाना से उसके लोकसभा सदस्य रवनीत सिंह बिट्ट पंजाब के उप मुख्यमंत्री और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। सुखबीर जलालाबाद से विधायक हैं। बिट्टू प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पौत्र हैं।

कांग्रेस की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी ने नई दिल्ली में सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने दोनों सीटों के लिए अमरिंदर और बिट्ट के नामों पर मुहर लगा दी है।

उन्होंने कहा कि चार बार भाजपा के सांसद रह चुके सिद्धू अमृतसर पूर्वी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

सिद्धू ने नई दिल्ली में सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस में शामिल होना उनके लिए घर आने जैसा है और वह एक ‘जन्मजात कांग्रेसी’ हैं।

आम आदमी पार्टी ने संगरूर से अपने लोकसभा सांसद भगवंत मान और दिल्ली के विधायक जरनैल सिंह को क्रमश: सुखबीर बादल और प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ जलालाबाद और लांबी से मैदान में उतारा है। इससे इन दोनों सीटों पर मुकाबला बेहद महत्वपूर्ण बन गया है।

लांबी को अपना कर्मभूमि बताते हुए अमरिंदर ने सोमवार को कहा कि वह ‘पंजाब के लोगों पर विगत दस वर्षो में बादल द्वारा किए गए अत्याचार और बर्बरता के लिए इन्हें सबक सिखाएंगे।’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह धर्म ग्रंथों की बेअदबी के सभी मामलों की विस्तृत जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने पर बादल को दंडित करेंगे।

यहां से 50 किलोमीटर दूर चमकौर साहिब में एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा कि पटियाला (जहां से वह फिर चुनाव लड़ रहे हैं) उनकी पारंपरिक सीट और जन्मभूमि है और जहां उनकी भावनात्मक जड़ें हैं।

अमरिंदर ने कहा कि उन्होंने “लांबी को कर्मभूमि के रूप में चुना है, क्योंकि बादल परिवार को उनके सभी अपराधों और बुरे कामों के लिए सजा देने के लिए मैं पंजाब के लोगों के प्रति वचनबद्ध हूं।”

कांग्रेस नेता ने आप नेतृत्व, विशेष रूप से उसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की आलोचना की। उन्होंने कहा, “पंजाबियों के हितों की कीमत पर अपने हितों को बढ़ावा देने के लिए केजरीवाल राज्य में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।”

रैलियों और आम सभाओं में पगड़ी पहनने की कोशिश कर खुद को एक सिख पंजाबी के रूप में पेश करने के केजरीवाल के प्रयासों की निंदा करते हुए अमरिंदर ने लोगों को उनकी फालतू चालबाजियों में नहीं की सलाह दी।

कांग्रेस नेता ने कहा, “वह एक झूठा है और पंजाब की सत्ता हड़प कर मुख्यमंत्री बनना चाहता है।”

पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए अगले 4 फरवरी को मतदान होगा।

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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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