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मुख्य समाचार

नरेश उत्तम ने हटाई शिवपाल की नेमप्लेट, मुलायम से की मुलाकात

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naresh-uttamलखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर चल रहे रार के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुट के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने लखनऊ में सपा कार्यालय में शिवपाल सिंह यादव के कमरे के बाहर लगी नेमप्लेट को हटाकर अपनी नेमप्लेट लगा दी। एक तरफ जहां दोनों गुटों की तरफ से चुनाव चिह्न् को लेकर दिल्ली में लड़ाई चल रही है, वहीं दूसरी ओर लखनऊ में प्रदेश कार्यालय पर कब्जे को लेकर भी कवायद जारी है।

इसके बाद उत्तम समाजवादी पार्टी के ‘मुखिया’ मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खास माने जाने वाले सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर मिले। इस दौरान मंत्री राम गोविंद चौधरी भी थे।

सपा सूत्रों के मुताबिक, सपा कार्यालय उनको मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भेजा था। यहां पर उन्होंने शिवपाल सिंह यादव के कमरे के बाहर लगी प्रदेश अध्यक्ष तथा सिंचाई व सहकारिता मंत्री की नेमप्लेट को हटवा दिया। इस नेमप्लेट को दिल्ली जाने से पहले सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने लगवाया था।

शिवपाल सिंह यादव की नेमप्लेट को हटवाने के बाद अपनी नेमप्लेट लगवाकर नरेश उत्तम पटेल थोड़ी देर कमरे में बैठे। इसके बाद वह मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास 4, विक्रमादित्य मार्ग पहुंचे। मुलायम सिंह से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, “वह नेताजी से आशीर्वाद लेने गए थे। मुलायम सिंह हमारे नेता है, वह सदैव नेता रहेंगे। इस मुलाकात का पार्टी विवाद से लेना देना नहीं है।”

पटेल ने कहा, “मुलाकात पर तरह-तरह के कयास न लगाएं जाए। चुनाव चिह्न् पर चुनाव आयोग का फैसला जो भी हो, हमें मंजूर होगा।” गौरतलब है कि आठ जनवरी को सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली रवाना होने से पहले कार्यालय में अपने और शिवपाल के कमरे पर नई नेमप्लेट लगवाई थी।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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