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मुख्य समाचार

सैनिकों से ‘सेवादारी’ के खिलाफ लांस नायक की पत्नी अनशन पर बैठी

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jawan wife on strikeरीवा (मप्र)। सेना में जवानों से घरेलू काम कराए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करने वाले लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह की पत्नी ऋचा सिंह ने न्याय की मांग करते हुए यहां शनिवार को अनशन शुरू कर दिया। ऋचा का दावा है कि उधर यज्ञ प्रताप भी अनशन पर हैं।

लांस नायक यज्ञ प्रताप ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने सेना के अफसरों पर घर में काम कराने से लेकर जूतों पर पॉलिश तक कराने का आरोप लगाया था। यज्ञ प्रताप इन दिनों राजपूत रेजीमेंट में हैं और फतेहगढ़ में तैनात हैं।

यज्ञ प्रताप की पत्नी ऋचा मध्यप्रदेश के रीवा जिले की बोदाबाग कालोनी में अपने बेटे के साथ किराए के मकान में रहती हैं। ऋचा ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि उनके पति ने अधिकारियों द्वारा घरेलू काम कराए जाने के खिलाफ आवाज उठाई है।

ऋचा का कहना है कि गुरुवार की रात यज्ञ प्रताप से उनकी बात हो रही थी, उसी वक्त उनके पति से फोन छीन लिया गया। शनिवार को उन्होंने दूसरे के फोन से बात की। ऋचा ने बताया कि फोन पर उनके पति ने बताया कि उन्होंने फतेहगढ़ में रहते हुए अनशन शुरू कर दिया है, लिहाजा वह भी रीवा में अनशन पर बैठ गई हैं।

ऋचा का कहना है कि उनके पति ने देश की सेवा का संकल्प लिया है, किसी के घर में काम करने के लिए नहीं। उन्हें अपने पति पर गर्व है कि उन्होंने शपथ के विपरीत कराए जा रहे काम के खिलाफ आवाज उठाई है। ऋचा का आरोप है कि सैनिकों से घरेलू काम किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यज्ञ प्रताप पर अफसरों द्वारा दबाव डाला जा रहा है। ऋचा की मांग है कि सेना के जवानों को सेवादारी के काम से हटाकर सीमा पर तैनात किया जाए और सभी सैनिकों को मोबाइल फोन दिया जाए, ताकि वे परिवार के संपर्क में रह सकें।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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