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मायावती के जन्मदिन पर चुनाव आयोग की रहेगी नजर
लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती की जन्मदिन पार्टी में शिरकत करने को आतुर रहने वाले पार्टी के नेता, कार्यकर्ताओं, अफसरों को इस बार निराशा हाथ लगेगी। इसकी मुख्य वजह चुनाव आयोग है, जिसने राज्य में चुनाव आचार संहिता के लागू होने के कारण बसपा अध्यक्ष के जन्मदिन पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं।
इस वर्ष भी पार्टी ने मायावती का जन्मदिन जोरशोर से मनाने की तैयारी की थी, जिसके तहत हर जिले में भव्य समारोह आयोजित कर पार्टी से जुड़े गरीब परिवार को रिक्शा, साइकिल, साड़ी, कंबल और कपड़े आदि देने का फैसला किया गया था।
लेकिन, अब मायावती 15 जनवरी को अपना जन्मदिन जन कल्याणकारी दिवस के तौर पर नहीं मना रही हैं और पार्टी की ओर इस बार किसी भी अफसर को जन्मदिन पार्टी में शामिल होने का न्योता नहीं भेजा जा रहा है। इस दिन अब लखनऊ सहित प्रदेश के किसी भी जिले में कोई बड़ा आयोजन भी नहीं होगा।
गरीब परिवारों को रिक्शा, साइकिल और कंबल, साड़ी तथा कपड़े आदि भी नहीं बांटे जा सकेंगे। मायावती का जन्मदिन सिर्फ उन्हें बधाई देने तक ही सीमित रहेगा। चुनाव आयोग द्वारा मायावती के जन्मदिन पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने की तैयारियों के चलते ऐसा होगा। चुनाव आयोग की ऐसी ही तैयारी के चलते वर्ष 2012 में भी मायावती का जन्मदिन बहुत साधारण ढंग से मनाया गया था। अब फिर ऐसा हो रहा है।
बसपा में मायावती का जन्मदिन बहुत जोरशोर से मनाया जाता है। दरअसल, पार्टी के संस्थापक कांशीराम के समय में इसकी शुरुआत हुई थी। 15 जनवरी के दिन पार्टी लखनऊ और दिल्ली में भव्य आयोजन कर मायावती का जन्मदिन उत्साह के साथ मनाती रही है। लखनऊ और दिल्ली में होने वाले जन्मदिन के आयोजनों में केक काटकर मायावती के जन्मदिन मनाया जाता रहा है।
इस आयोजन के दौरान पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक अधिकारी मायावती को जन्मदिन की बधाई देने के साथ ही उन्हें मंहगे गिफ्ट देते रहे हैं। उत्तर प्रदेश की सत्ता में रहते हुए मायावती इस दिन करोड़ों रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करती थी। मायावती के भव्य तरीके से जन्मदिन मनाने को लेकर विपक्षी दलों ने उनपर तमाम तरह के आरोप भी लगाए, जिनकी परवाह कभी भी मायावती ने नहीं की।
इस वर्ष भी पार्टी ने मायावती का जन्मदिन जोरशोर से मनाने की तैयारी की थी, जिसके तहत हर जिले में भव्य समारोह आयोजित कर पार्टी से जुड़े गरीब परिवार को रिक्शा, साइकिल, साड़ी, कंबल और कपड़े आदि देने का फैसला किया गया था। पार्टी के ऐसे आयोजनों को चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण अब नहीं अंजाम दिया जाएगा। अब सिर्फ पार्टी दफ्तर में ही मायावती के जन्मदिन पर केक काटकर एक दूसरे को बधाई दी जाएगी।
मायावती इस दिन दोपहर तक लखनऊ में रहकर लोगों से मिलेंगी और फिर शाम को वह दिल्ली चली जाएंगी। यहां वह अपने आवास पर देश भर से पहुंचे पार्टी पदाधिकारियों से मिलकर उनकी बधाई स्वीकार करेंगी। इस दौरान घर पर पहुंचने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से भी मायावती मिलेंगी।
नेशनल
जनता-जनार्दन ने 4 चरणों में ही इंडी गठबंधन को चारों खाने चित्त कर दिया है : पीएम मोदी
फतेहपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूपी के फतेहपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। जनसभा की शुरुआत में उन्होंने कहा कि आज एक तरफ देशहित के लिए समर्पित भाजपा-एनडीए गठबंधन है और दूसरी तरफ देश में अस्थिरता पैदा करने के लिए इंडी गठबंधन है। सपा-कांग्रेस तुष्टिकरण के आगे घुटने टेक चुकी हैं। मोदी जब इनकी सच्चाई देश को बता रहा है तो ये कहते हैं कि मोदी हिंदू मुसलमान कर रहा है। आज पूरा देश पूरी दुनिया जानती है कि मोदी सरकार की हैट्रिक बनने जा रही है। अभी देश में 4 चरण के चुनाव हुए हैं लेकिन जनता-जनार्दन ने इन 4 चरणों में ही इंडी गठबंधन को चारों खाने चित्त कर दिया है। भानुमति का कुनबा बिखरने लगा है, उसने हथियार डाल दिए हैं। पंजे और साइकिल के सपने टूटकर ‘खटाखट-खटाखट’ बिखर गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि बचे हुए चुनाव में कोई मेहनत भी नहीं करना चाहता। इंडी गठबंधन के कार्यकर्ता पहले से ही निराश थे, अब उन्होंने घर से निकलना ही छोड़ दिया है। इन चार चरणों में ही इंडी गठबंधन चारों खाने चित हो गया है। आपको पता होगा कि मैंने कहा था कि ये शहजादे केरल के वायनाड से भागेंगे। मैंने कहा था कि वो अमेठी की तरफ जाने की हिम्मत नहीं करेंगे, ये खबर भी पक्की निकली। उन्होंने कहा कि आगे की खबर ये है कि इज्जत बचाने के लिए अब कांग्रेस ने ‘मिशन 50’ रखा है। मतलब कैसे भी करके पूरे देश में 50 सीटें मिल जाए, ये कांग्रेस का लक्ष्य है। अब, 4 जून के बाद की प्लानिंग हो रही है कि हार का ठीकरा किस पर फोड़ा जाए। मुझे तो कोई बता रहा था कि विदेश यात्रा का टिकट भी बुक हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और सपा दोनों के सारे गुण मिलते हैं। दोनों परिवारवाद को समर्पित हैं और भ्रष्टाचार के लिए राजनीति में हैं। दोनों अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए कुछ भी कर सकती हैं। दोनों अपराधियों और माफियाओं को बढ़ावा देती है।
सपा-कांग्रेस आतंकवादियों से हमदर्दी रखती है। सपा-कांग्रेस को लगता है कि ये हमारे समाज को तोड़कर अपना काम बना लेंगे, इसलिए, इनके हौंसले बढ़ गए हैं। कांग्रेस के शहजादे राम मंदिर (Ram Temple) पर ताला डलवाने का ख्वाब देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा के बड़े नेता कहते हैं कि राम मंदिर तो बेकार है। इनके गठबंधन के लोग कहते हैं कि सत्ता में आकर सनातन धर्म का विनाश कर देंगे। सपा सरकार में यूपी अपराध में टॉप पर होता था। लेकिन, विकास के मामले में यूपी की गिनती पिछड़ी प्रदेश के तौर पर होती थी। आज भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश को विकास में टॉप पर ले आई है। आज यूपी सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाले राज्यों में टॉप पर है। सबसे ज्यादा एयरपोर्ट के मामले में यूपी टॉप पर है। यूपी सात शहरों में मेट्रो शुरू करके टॉप पर है। यही नहीं गरीब कल्याण की जो योजनाएं मैं चलाता हूं, यूपी उनमें भी टॉप पर है।
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