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प्रधानमंत्री प्रकाशोत्सव में भाग लेने गुरुवार को पटना पहुंचेंगे
पटना | सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। वह पांच जनवरी को पटना पहुंचेंगे और कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उसी दिन दिल्ली लौट जाएंगे। प्रधानमंत्री के पटना आगमन को लेकर राजधानी में, खासकर कार्यक्रम स्थल गांधी मैदान में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं।
बिहार राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री पांच जनवरी को पूर्वाह्न् 11.55 बजे पटना हवाई अड्डा पहुंचेंगे और दोपहर 12.15 बजे गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद लगभग ढाई बजे वह गांधी मैदान से पटना हवाईअड्डा के लिए रवाना हो जाएंगे।
350वें प्रकाशोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के अलावा कई केंद्रीय मंत्री भी शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री के आगमन के मद्देनजर पटना की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हवाईअड्डा से लेकर गांधी मैदान तक सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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