प्रादेशिक
आयोग ने 34 को घोषित किया अयोग्य, 3 साल तक नहीं लड़ सकेंगे कोई इलेक्शन
लखनऊ। पिछले चुनाव में खर्च की गई राशि का ब्यौरा नहीं देने वाले करीब 34 उम्मीदवार इस बार चुनावी संग्राम में नहीं उतर सकेंगे। वह अगले तीन साल तक किसी भी चुनाव में भारीदारी नहीं ले सकेंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने इन 34 लोगों को विधानसभा चुनाव लडऩे से अयोग्य घोषित कर दिया है।
प्रदेश के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बीते चुनाव में चुनावी खर्च का ब्यौरा देने में असफल रहने और आदर्श आचार संहिता का पालन नहीं करने पर 34 लोगों को अयोग्य घोषित किया गया है। ये लोग अगले तीन साल के लिए वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
उन्होंने बताया कि इन 34 लोगों में लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र के शैलेंद्र प्रताप सिंह, सुमन सिंह, सुरेंद्र सिंह, सुशील अवस्थी, राज बहादुर सिंह व सतनाम सिंह है, जिन्हें को अयोग्य घोषित किया गया है।
इसी तरह मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र से खुशीराम व मायाराम, बीकेटी विधानसभा क्षेत्र से गरिमा पाण्डेय, मायाराम, सुदामा त्रिपाठी, विनोद कुमार व अजीत वर्मा, सरोजनीनगर क्षेत्र से जकी मेंहदी जैदी, राज कुमारी लोधी, लखनऊ पश्चिम से अजय कुमार राजपूत, अब्बास मिर्जा हैदर, अब्दुल नदीम खान, एसएम दानिश, दिलीप सिंह व केडी शर्मा को अयोग्य घोषित किया गया है।
मध्य विधानसभा क्षेत्र में मंसूर अहमद कुरैशी, विकास कुमार सोनकर के साथ कैंट विधानसभा क्षेत्र में निर्मला देवी व मुकुट बिहारी को अयोग्य घोषित किया गया है। इसी प्रकार लखनऊ उत्तर से मंजू शुक्ल, केएस तिवारी, कृष्ण कुमार अग्निहोत्री के साथ ही लखनऊ पूर्व विधानसभा क्षेत्र में अम्बेश कुमार, कविता राखी, रमेश कुमार पाण्डेय को अयोग्य घोषित किया गया है। वहीं मलिहाबाद से राजेश कुमार, जितेंद्र व रमेश कुमार अयोग्य की श्रेणी में आए हैं।
प्रादेशिक
गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट
लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।
यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।
आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।
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