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एलईडी बल्ब लगाकर पीएम ने किया बिजली बचत योजना का शुभारंभ

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को एलईडी बल्ब को ‘प्रकाश पथ’ के रूप में प्रस्तुत करते हुए दिल्ली में घरेलू बिजली बचत और घरों तथा सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाने से संबंधित राष्ट्रीय योजना का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने प्रतीक स्वरूप साऊथ ब्लॉक में एक बल्ब के स्थान पर एलईडी बल्ब लगाया। साऊथ ब्लॉक में सामान्य बल्बों के स्थान पर एलईडी बल्ब लगाए जाने से प्रति माह 7000 यूनिट बिजली बचेगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एलईडी बल्ब के जरिए बिजली बचाने के काम को जन-अभियान बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिजली पैदा करने से बिजली बचाना कहीं अधिक सस्ता है।

लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बिजली पैदा करने से बिजली बचाना इसलिए कठिन है, क्योंकि जहां एक उत्पादन इकाई भारी मात्रा में बिजली पैदा करती है, वहीं बिजली बचाने के लिए करोड़ों लोगों की सक्रिय भागीदारी का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए और प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित नागरिकों को एलईडी बल्ब लगाने के अभियानों से जोड़ा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए वर्ष में डायरियों और कैलेंडरों जैसे उपहारों के स्थान पर एलईडी बल्बों को उपहार स्वरूप देना चाहिए। उन्होंने सुझाया कि कंपनियां लाभांश देते समय एलईडी बल्बों का वितरण भी कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर लक्ष्य बनाया जाना चाहिए और एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इस योजना को प्रमुखता देनी चाहिए।

एलईडी बल्ब साधारण बल्ब की तुलना में 50 गुना अधिक समय तक चलते हैं। इसके अलावा सीएफएल की तुलना में एलईडी बल्ब आठ से 10 गुना अधिक टिकाऊ होते हैं और इसीलिए इससे बिजली और पैसे दोनों की बचत होती है। प्रधानमंत्री ने घरेलू बिजली बचत योजना (डीईएलपी) के तहत दिल्ली के उपभोक्ताओं द्वारा एलईडी बल्ब प्राप्त करने के आवेदनों के पंजीकरण के लिए एक वेब-आधारित प्रणाली शुरू की। उपभोक्ता वेबसाइट पर या निर्धारित नम्बर पर एसएमएस भेजकर पंजीकरण करा सकते हैं। मोदी ने सबसे पहले पंजीकरण कराने वाले दिल्ली के एक नागरिक को दो एलईडी बल्ब प्रदान किए। मार्च, 2015 से एलईडी बल्बों को चरणबद्ध तरीके से वितरित किया जाएगा। लक्ष्य रखा गया है कि मार्च, 2016 तक 100 शहरों में घरों और सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने की परियोजना पूरी कर ली जाए।

दिल्ली में घरेलू उपभोक्ताओं को एलईडी बल्ब 10 रुपये के शुरुआती भुगतान पर दिए जाएंगे और 12 महीने तक प्रति बल्ब 10 रुपये उनके बिजली के बिल में वसूले जाएंगे। इस प्रकार एलईडी बल्ब, बाजार कीमत 350 से 600 रुपये प्रति बल्ब की तुलना में इस योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति बल्ब 130 रुपये की कीमत पर दिए जाएंगे। दिल्ली के घरों में एक एलईडी बल्ब लगाने से लगभग 162 रुपये की वार्षिक बचत का अनुमान है। एलईडी बल्बों की तीन साल की वारंटी होगी। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिजली मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल सहित दिल्ली के सांसद भी उपस्थित थे।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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