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प्रादेशिक

माघ मेला में जीरो डिस्चार्ज नीति का करें अनुपालन

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लखनऊ। माघ मेले में श्रद्धालुओं को साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने व्यापक तैयारी की है। गंगा व युमना के किनारे स्थापित सभी उद्योगों को चेतावनी जारी की है कि वह जीरो डिस्चार्ज नीति का पूर्णतया अनुपालन कर नदियों में किसी भी प्रकार का प्रदूषण न फैलाएं। चेतावनी को नजरअंदाज कर गंगा में गंदा पानी छोड़ने वाले कानपुर व उन्नाव सहित गंगा के किनारे बसे अन्य शहरों के एक दर्जन से अधिक उद्योगों के विरुद्ध बोर्ड प्रशासन ने बंदी आदेश जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

गंगा में प्रदूषित उत्प्रवाह छोड़ने वाले उद्योगों की निगरानी के लिए जिला प्रशासन व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जावेद आबिदी ने गंगा व युमना के किनारे स्थापित उद्योगों को चेतावनी दी थी कि सभी उद्योग जीरो डिस्चार्ज के नियम का पालन करते हुए परिसर से किसी भी हालत में प्रदूषित उत्प्रवाह बाहर न जाने दें। कानपुर व उन्नाव में स्थापित टेनरी उद्योगों तथा गंगा के किनारे स्थापित शराब व चीनी मिलों को विशेष तौर पर सख्त निर्देश थे कि कारखानों का गंदा पानी गंगा में नहीं गिरना चाहिए।

बोर्ड अध्यक्ष ने अपने निर्देश में कहा था कि सभी उद्योगों का अकस्मिक निरीक्षण किया जाएगा और निरीक्षण में प्रदूषित पानी छोड़ने वाले उद्योगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सख्त निर्देशों के बावजूद गंगा में गंदा पानी गिराने पर बोर्ड प्रशासन ने उद्योगों को बंद करने का अभियान शुरू किया है। गंगा में प्रदूषित उत्प्रवाह छोड़ने के पुख्ता सबूत मिलने के बाद कानपुर, उन्नाव सहित गंगा के किनारे स्थापित अन्य जिलों के एक दर्जन से अधिक बड़े उद्योगों को बंद कराने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड के सदस्य सचिव जे. एस. यादव ने बताया कि जिन उद्योगों के खिलाफ बंदी आदेश जारी किए गए हैं, उन्हें सील कराने के लिए संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

इसके साथ ही गंगा के किनारे के दो दर्जन से अधिक जनपदों में उद्योगों की निगरानी के लिए जिला प्रशासन व बोर्ड के अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी प्रत्येक सप्ताह अपनी रिपोर्ट बोर्ड प्रशासन व शासन को भेजा करेगी।

प्रादेशिक

मुंबई होर्डिंग हादसे में कार्तिक आर्यन के मामा-मामी की मौत, 56 घंटे बाद मिले शव

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मुंबई। 13 मई को मुंबई में घाटकोपर होर्डिंग हादसे के बाद घटनास्थल से दो और शव बरामद हुए हैं। दोनों शवों की जब पहचान की गई तो सबके होश उड़ गए। दोनों शव बॉलीवुड एक्टर कार्तिक आर्यन के मामा-मामी के हैं। कार्तिक आर्यन 16 मई यानी कल दोपहर को अपने परिवार सहित शमशान भूमि में अंतिम संस्कार विधि के लिए पहुंचे थे। इस हादसे में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है।

बता दें कि घाटकोपर होर्डिंग हादसे के 56 घंटे बाद जो 2 शव एक कार से निकाले गए वो इंदौर एयरपोर्ट के पूर्व डायरेक्टर मनोज चंसोरिया और उनकी पत्नी अनीता चंसोरिया के थे। जो रिश्ते में कार्तिक आर्यन के मामा-मामी थे। रिटायर होने के बाद मनोज अपनी पत्नी के साथ जबलपुर आ गए थे। यहां से उन्हें अमेरिका में रहने वाले अपने बेटे यश चंसोरिया के पास जाना था। अमेरिका का वीजा बनवाने के लिए मनोज चंसोरिया अपनी पत्नी अनीता के साथ मुंबई गए थे।

इसके बाद सोमवार 13 मई 2024 को मनोज मुंबई से जबलपुर आने के लिए निकले थे। होर्डिंग हादसे वाले फ्यूल पंप पर रुककर वो कार में पेट्रोल भरवा रहे थे। इसी दौरान भयंकर तूफान आया और विशालकाय होर्डिंग गिर गया जिसमें कई लोग दब गए थे। हादसे में चंसोरिया दम्पति की कार भी दब गई थी। दोनों की दुर्घटना स्थल पर ही मौत हो गई। घटना के बाद अमेरिका से यश और जबलपुर से मृतक मनोज के जीजा डॉक्टर परमल स्वामी, मधु स्वामी, विनय नेमा भी मुंबई पहुंचे। आकस्मिक हुई इस घटना ने कार्तिक के परिवार को जबरदस्त झटका लगा है।

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