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हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स की अतिरिक्त जमीन को बेचने को मंजूरी

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केंद्र सरकार, एचएएल, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कैबिनेट, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स

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केंद्र सरकार, एचएएल, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कैबिनेट, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स

                                     arun-jaitely

नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने देनदारियों से निपटने के लिए हिंदुस्तान एंटी-बायोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की अतिरिक्त व खाली जमीनों को बेचने के फैसले को बुधवार को मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पुणे के पिंपरी में एचएएल की लगभग 87.70 एकड़ भूमि को बेचने से कर्मचारियों के बकाये को खत्म करने में मदद मिलेगी।

बयान के मुताबिक अगर देनदारियां पूरी हो जाती हैं और बैलेंस शीट साफ हो जाता है, तो मंत्रियों की समिति की सिफारिशों के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एचएएल को एक निश्चित समयावधि में फिर से काम करने लायक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मई महीने में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था।

जिस जमीन को बेचा जाना है, उसका वास्तविक क्षेत्रफल नीलामी की बोलियों पर निर्भर करेगा।  एचएएल की कुल देनदारी 821.17 करोड़ रुपये है। कैबिनेट ने वेतन व अन्य खर्चो के लिए 100 करोड़ रुपये के ऋण को भी मंजूरी दी है। एचएएल की जमीन की बिक्री के बाद ऋण की रकम को सरकार को वापस कर दिया जाएगा।

कैबिनेट ने 307.23 करोड़ रुपये (मूल धन 186.96 करोड़ रुपये तथा 120.27 करोड़ रुपये ब्याज) के ऋण को माफ किया है और 128.68 करोड़ रुपये की अन्य बकाया राशि को फिलहाल टाल दिया है। योजना का क्रियान्वयन होने के बाद कंपनी के ऊपर कोई देनदारी नहीं होगी।

 

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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