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नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला, एसआईटी करे जांच : चिदम्बरम
नागपुर | पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी इस साल का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने इस बात की जांच कराने के लिए एक विशेष जांच दल के गठन की मांग की कि कैसे कुछ लोग 2000 मूल्य के नए नोटों के बंडल पाने में कामयाब हो गए, जबकि आम लोग उक्त राशि का एक नोट निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चिदम्बरम ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं दो हजार रुपये का एक नोट नहीं पा सकता हूं जबकि देश भर में छापेमारी के दौरान 2000 रुपये के नए नोटों में अब तक करोड़ों रुपये लोगों के कब्जे से मिले हैं। सरकार ने आय कर विभाग को जांच करने का आदेश दिया है। यह बहुत बड़ा अपराध है और इस मामले में आपराधिक जांच होनी चाहिए।”
भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने नोटबंदी को इस साल का सबसे बड़ा घोटाला बताया और विशेष जांच दल (एसआईटी) से इसकी मुकम्मल जांच कराने की मांग की।
चिदम्बरम ने कहा, “मैं मानता हूं कि लोगों के साथ जो कुछ हो रहा है उसे वे नहीं भूलेंगे और इसके लिए निश्चित रूप से सरकार को माफ नहीं करेंगे। नोटबंदी के दूसरे दिन मैं एक शादी समारोह में गया था और देखा कि धनवान लोग प्रभावित नहीं हैं। केवल गरीब लोग ही परेशान हैं।” नोटबंदी को एक विचारहीन कदम बताकर खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “दुनिया में किसी ने भी इसे अच्छा नहीं कहा है। प्रत्येक बड़े समाचार पत्र और अर्थशास्त्रियों ने इसकी निंदा की है।”
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि लोगों को 24000 रुपये निकालने की अनुमति देने के सरकारी निर्णय के पीछे क्या तर्क है, जबकि बैंकों के पास पर्याप्त नकदी नहीं है और देश भर में लोग लंबी कतारों में खड़े होने को मजबूर हैं। चिदम्बरम ने पूछा, ” नोटबंदी के बाद से दैनिक मजदूरी पर निर्भर करीब 45 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। उन्हें कौन मुआवजा देने जा रहा है?” ग्रामीण इलाकों में लोगों की पीड़ा का उल्लेख करते हुए उन्होंने पूछा कि जिला सहकारी बैंकों को इस पूरी कवायद से क्यों अलग रखा गया है?
पूर्व वित्त मंत्री ने आगे कहा, “जिला सहकारी बैंकों को योजना से बाहर रखना किसानों को सजा देने के समान है। खाद, बीज, आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं।” नकद रहित अर्थव्यवस्था की ओर जाने की योजना का उपहास करते हुए उन्होंने पूछा, “दुनिया के किस देश में नकदरहित अर्थव्यवस्था है? क्या अमेरिका या सिंगापुर के पास है? इस देश में बिजली कहां है, मशीनें कहां हैं? आप अर्थव्यवस्था को बड़े झटके से महत्वहीन नहीं बना सकते हैं।”
नोटबंदी से पैदा जटिलताओं का विस्तार से उल्लेख करते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि कैसे साख विकास, ग्रीनफील्ड निवेश और औसत मांग सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे ऐतिहासिक कुप्रबंधन कहा है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा कदम उठाने से पहले सरकार को कम से कम राजग के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा या मनमोहन सिंह से मशवरा करना चाहिए था।
नेशनल
पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे
श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।
नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।
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