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नोटबंदी पर सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई 9 दिसंबर तक टली

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सर्वोच्च न्यायालय, नोटबंदी, याचिका, टी.एस. ठाकुर, कपिल सिब्बल, डी.वाई. चंद्रचूड़

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सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली  | सर्वोच्च न्यायालय नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। इसमें केंद्र सरकार की यह याचिका भी शामिल होगी, जिसमें विभिन्न उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में इस मुद्दे पर दर्ज मामले सर्वोच्च न्यायालय या दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश और मामले की सुनवाई कर रही पीठ के अध्यक्ष टी.एस. ठाकुर के अवकाश पर होने की वजह से सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध मामला शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

इस पीठ के न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सुनवाई स्थगित कर दी। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति ठाकुर और न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की पीठ ने दो दिसंबर को याचिकाओं की सुनवाई का निर्देश दिया था। इसमें नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिका और वह याचिका शामिल है, जिसमें देश भर के मामलों को स्थानांतरित करने की मांग केंद्र सरकार ने की है।

अदालत ने दो दिसंबर को महान्यायवादी, मुकुल रोहतगी और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को साथ में बैठने और विभिन्न मामलों को उनकी समानता श्रेणीबद्ध करने को कहा था, ताकि मामले की सुनवाई सुव्यवस्थित ढंग से चले।

 

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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