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नीतीश की जगह राहुल होंगे PM पद के उम्मीदवार : कांग्रेस

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 नीतीश की जगह राहुल होंगे PM पद के उम्मीदवार : कांग्रेस

नई दिल्ली । नीतीश कुमार के नोटबंदी के समर्थन को देखते हुए कांग्रेस ने कहा कि नीतीश 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बस अपना समर्थन दे रहें है। उनके बदले हुए तेवर को से परेशान कांग्रेस ने कहा है कि गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए सिर्फ एक ही उम्मीदवार चुना जा सकता है और वो सिर्फ राहुल गांधी होंगे। कांग्रेस का मानना है कि नोटबंदी को लेकर जहां विपक्ष इसके खिलाफ खड़ा हुआ वहीं नीतीश कुमार उस पक्ष में न रह अलग दिखायी दिए।

नीतीश द्वारा नोटबंदी का समर्थन किए जाने से विपक्ष और खासतौर पर बिहार की महागठबंधन सरकार में उसके साथ शामिल कांग्रेस को काफी हैरानी हुई। नीतीश के इस रुख से कांग्रेस में काफी नाराजगी भी है।

संसद और इसके बाहर नोटबंदी का विरोध करने वाले राजनैतिक दलों में कांग्रेस सबसे आगे है। मालूम हो कि बिहार चुनाव के समय महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश के नाम पर सहमति बनाने में कांग्रेस की अहम भूमिका रही। उसने ही लालू यादव को इसके लिए तैयार किया था। ऐसे में नीतीश के बदले सुर से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यही कारण है कि कांग्रेस अब भविष्य, खासतौर पर 2019 के आम चुनावों को लेकर कोई गलती नहीं करना चाहती।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘नोटबंदी के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन काफी अहम है। हमारी ओर से इसका नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं और हमें हमारे एक विश्वस्त नेता की ओर से झटका मिला है। इससे हमें दुख हुआ है।’ कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि नीतीश इस समय अलग रास्ते पर चलने की रणनीति अपना रहे हैं।

सूत्र के मुताबिक, नीतीश अपने राजनीति की दिशा राज्य से मोड़कर केंद्र की ओर लाना चाहते हैं और इसीलिए वह लोकसभा चुनाव को दिमाग में लेकर चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में नीतीश के सामने विकल्प होगा कि या तो वह ‘क्षेत्रीय दलों या फिर तीसरे मोर्चे’ का चेहरा बनकर सामने आएं या फिर ऐसी स्थिति के लिए तैयार हों जहां चुनाव के बाद BJP को प्रधानमंत्री पद के लिए किसी बाहरी को समर्थन देना पड़े।

कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘एक ही गठबंधन से 2 नेता (राहुल गांधी और नीतीश कुमार) प्रधानमंत्री पद के दावेदार बनकर बिहार की जनता का वोट नहीं मांग सकते हैं।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस किसी भी स्थिति में लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद पर मिलने वाली चुनौती स्वीकार नहीं कर सकती है।

जानकारी के मुताबिक, RJD प्रमुख लालू यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन कर नीतीश की शिकायत की है। बताया जा रहा है कि उन्होंने नीतीश द्वारा लगातार BJP की ओर नर्म रवैया दिखाए जाने को लेकर सोनिया को सावधान किया।

कांग्रेस के सूत्रों की माने तो  नीतीश के पास बिहार की महागठबंधन सरकार से अलग जाने के कई कारण हैं। ताजा कारण तो यह है कि प्रदेश कॉर्पोरेशन्स के अध्यक्ष पदों पर ज्यादा संख्या में अपने लोगों को नियुक्त करना चाहती है।

इसके अलावा शासन से संबंधित कई मुद्दों पर भी नीतीश लालू के साथ दूरी बनाना चाहते हैं। हालांकि मंगलवार को ही नीतीश और लालू ने मुलाकात की और इसके बाद लालू ने भी नोटबंदी के साथ होने की बात कही है। लालू के इस बदले रुख पर कांग्रेस क्या प्रतिक्रिया करती है, यह देखना होगा।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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