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प्रधानमंत्री को संसद के शीत सत्र में सकारात्मक चर्चा की उम्मीद

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Narendra Modi

Narendra Modi

 

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उम्मीद जताई कि संसद के शीत सत्र में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सहित विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा होगी और इसके सार्थक परिणाम निकलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने यह उम्मीद सत्र शुरू होने से पहले संसद भवन के बाहर अपने एक संक्षिप्त संबोधन में जताई। उन्होंने नोटबंदी पर कुछ नहीं कहा, जिसे लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।

प्रधानमंत्री ने संसद भवन के बाहर कहा, “संसद का शीत सत्र आज से (बुधवार से) शुरू हो रहा है। पिछले सत्र में ऐतिहासिक जीएसटी पारित हुआ था। मुझे संसद के इस सत्र में जीएसटी सहित विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक व फलदायी चर्चा की उम्मीद है।”

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि पार्टियां चर्चा के दौरान विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगी। उन्होंने कहा, “हम जन आकांक्षाओं पर चर्चा करेंगे।”

मोदी ने कहा, “सरकार का यकीन हर मुद्दे पर खुले तौर से चर्चा में है, क्योंकि इससे सही फैसले सामने आते हैं।”

प्रधानमंत्री ने बीते सप्ताह आठ नवंबर को अचानक की गई एक घोषणा में 500 और 1,000 रुपये के नोटों को उसी दिन मध्यरात्रि से अवैध घोषित किए जाने का ऐलान किया था। सरकार ने इसे कालाधन के खिलाफ उठाया गया सख्त कदम बताया, वहीं विपक्ष इससे आम लोगों को हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाकर सरकार पर निशाना साधे हुए है।

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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