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अन्तर्राष्ट्रीय

यहूदी किशोरों की हत्या में हमास सदस्य दोषी

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जेरूसलम| इजरायल की सैन्य अदालत ने पश्चिमी तट से जून महीने में तीन यहूदी किशोरों के अपहरण और हत्या की साजिश के मामले में बुधवार को हमास के सदस्य हुसाम हसन कावास्मी को दोषी ठहराया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, कवास्मी को जुलाई महीने में हत्यारों को उकसाने और उनकी मदद करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान उसने हमलावरों को आर्थिक मदद देने की बात कबूल कर ली थी और सितंबर में उसके खिलाफ मुकदमा शुरू किया गया।

मवार कवास्मे और अमर अबु आइसा ने 12 जून को 16 वर्षीय तीन किशोरों को अगवा कर लिया था और उनकी हत्या कर दी थी। हमास के ये दोनों सदस्य उसी महीने हेब्रॉन के नजदीक इजरायली कार्रवाई में मारे गए थे।

किशोरों का शव उन्हें अगवा किए जाने के कुछ सप्ताह बाद हेब्रॉन के नजदीक कब्रिस्तान में मिला था।

इस घटना के बाद पूर्वी जेरूसलम में यहूदी चरमपंथियों ने फिलिस्तीनी किशोरों की हत्या शुरू कर दी थी और शहर के अरब इलाके में एक महीने तक दंगे हुए थे।

इजरायल ने अपहृत किशोरों की तलाश में पश्चिमी तट पर हमास के खिलाफ अभियान शुरू किया था, जो अंतत: युद्ध में तब्दील हो गया। इजरायल और हमास के बीच यह युद्ध करीब 50 दिन तक चला था, जिसमें करीब 2,000 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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