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लाइफ स्टाइल

बच्चे को स्मार्टफोन देने से बचें,वरना हो सकता है आपका बच्चा अपंग

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अगर आपका रोता हुआ बच्चा स्मार्टफोन पाने के बाद चुप हो जाता है तो आपको यह तरीका बदलने की जरूरत है

माता-पिता को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि अपने बच्चों को चुप कराने के लिए स्मार्टफोन देना सही नहीं है अमेरिकी बाल रोग अकादमी ने इसे लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं दिशा-निर्देश के अनुसार, डिजिटल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों की नींद की गुणवत्ता, बच्चे के विकास और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है

शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि कई खास मौकों पर जैसे हवाईजहाज यात्रा या चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान डिजिटल मीडिया उपकरण का इस्तेमाल करना सुखदायक होता है, पर माता-पिता को बच्चों को शांत कराने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए

अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय के सी. एस. मोट चिल्ड्रेन अस्पताल के प्रमुख लेखक जेनी रडेस्की ने कहा कि एक सामान्य सुखदायक रणनीति के तौर पर इस तरह के उपकरणों का इस्तेमाल बच्चों की भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता को सीमित कर सकता है

रडेस्की ने कहा, “डिजिटल मीडिया कई शिशुओं, छोटे बच्चों और स्कूल की शुरुआत वाले बच्चों के बचपन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है, लेकिन यह शोध में उनके विकास पर पड़ने वाले प्रभाव पर सीमित है”

उन्होंने कहा, “क्या हम जानते हैं कि शुरुआती बचपन तेजी से दिमाग के विकास का समय होता है. जब बच्चों की खेलने, सोने और अपने भावनाओं को संभालने और संबंध बनाने की जरूरत के लिए समय की जरूरत होती है शोधकर्ताओं का सुझाव है कि मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल इन गतिविधियों में रुकावट पैदा करता है”

योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

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नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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