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भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश में है सरकार : ओवैसी

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ओवैसीहैदराबाद, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के प्रयास के साथ भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रही है। हैदराबाद के सांसद ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखल देकर सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि मुस्लिम द्वितीय श्रेणी के नागरिक हैं।

उन्होंने कहा कि बहुलतावाद और विविधता भारत की मजबूती और सुदंरता रहे हैं। धर्मनिरपेक्षता को खत्म करने का कोई भी प्रयास देश को कमजोर करेगा। ओवैसी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) द्वारा समान नागरिक संहिता के विरोध में आयोजित एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रहे थे। सभा बुधवार रात 8 बजे शुरू हुई और आधी रात गुजरने तक जारी रही।

मुस्लिमों के सभी संप्रदायों और कई इस्लामी विचारों वाले नेताओं ने बैठक को संबोधित किया। इसमें हजारों की संख्या में पुरुषों और महिलाओं ने भाग लिया। वक्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि मुस्लिम किसी भी तरह से मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

ओवैसी ने केंद्र सरकार के सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे पर बरसते हुए कहा कि भारतीय मुस्लिमों की पाकिस्तान और दूसरे देशों से तुलना करके सरकार ने न सिर्फ भारतीय मुस्लिमों बल्कि पूरे देश का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में क्रियात्मक लोकतंत्र नहीं हैं, जबकि हलफनामे में शामिल दूसरे देशों में राजतंत्र है या ऐसे देश हैं जिनकी भारत से कोई तुलना नहीं है।

सांसद ने सरकार से कहा कि वह मिजोरम और नागालैंड जैसे राज्यों के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ और गोवा के विवाह कानूनों को समाप्त करने की हिम्मत दिखाएं। उन्होंने पूछा कि क्या समान नागरिक संहिता बनने पर मुसलमानों को भी हिदू अविभाजित परिवारों की तरह कर छूट मिलेगी?

ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दशहरा कार्यक्रम में धार्मिक नारे लगाने की आलोचना की। सांसद ने कहा कि बीते समय में किसी प्रधानमंत्री ने इस तरह के नारे नहीं लगाए थे।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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