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प्रादेशिक

उप्र की 2 लाख छात्राओं को एसपीओ का दर्जा मिला

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मुख्यमंत्री अखिलेश यादवलखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को प्रदेश की 2 लाख छात्राओं को स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) का दर्जा दिया। इन छात्राओं को ‘पॉवर एंजिल्स’ के नाम से जाना जाएगा। ये पॉवर एंजिल्स महिला उत्पीड़न के खिलाफ काम करेंगी। मुख्यमंत्री ने लोकभवन में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “हमारी बहन-बेटियां तकलीफ में न रहें। पॉवर एंजिल्स को बधाई, महिला सुरक्षा के लिए सरकार ने लगातार काम किया है। महिला सुरक्षा के अभियान को सफलता मिली।”

अखिलेश ने कहा कि विरोधियों ने कहा, “हमारी सरकार में लोग बीमार हो रहे। हमने लोगों को बीमारियों से बचाने की कोशिश की। विपक्षी कह सकते हैं कि यूपी में छेड़खानी ज्यादा हो रही। हमारी सरकार ने महिला सुरक्षा की व्यवस्था की है। 1090 से महिलाओं, बेटियों को मदद मिलेगी।”

उन्होंने कहा कि पत्थरों की जगह का सही इस्तेमाल किया गया। पत्थरों से बनी जगह 1090 चौराहे के नाम से जानी जाती है। 1090 चौराहे पर रात 3 बजे तक रौनक रहती है। दर्जनों लोगों को 1090 चौराहे पर रोजगार मिल गया। पूरे देश में अगर सबसे अच्छी जगह होगी तो वो गोमती का किनारा होगा।

मुख्यमंत्री ने 1090 सेवा में आईजी नवनीत सिकेरा की काफी तारीफ की। पत्थरों की दुकानों में भी लोगों का रोजगार शुरू कराया। पत्थरों के हाथी आज भी वैसे ही खड़े हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर मुख्यमंत्री ने अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि रामलीला में दिल्ली वाले आए, लेकिन कुछ दिए नहीं। दिल्ली वाली सरकार बताए यूपी को क्या दिया? उप्र ने उन्हें 73 सांसद दिए उप्र को क्या मिला? वो अच्छे दिन कहां चले गए?

गौरतलब है कि कार्यक्रम के माध्यम से 2 लाख छात्राओं को एसपीओ का दर्जा दिया गया। इन छात्राओं को पॉवर एंजिल्स या शक्ति परी के नाम से जाना जाएगा। कार्यक्रम में 450 पॉवर एंजिल्स को पहचानपत्र दिया गया। अखिलेश ने कार्यक्रम में 25 एसपीओ को अपने हाथ से पहचानपत्र दिए।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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