Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

यूनीफॉर्म सिविल कोड पर मोदी सरकार के रुख से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भडक़ा

Published

on

Loading

muslimनई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) तथा कई अन्य प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने गुरुवार को समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की प्रश्नावली खारिज कर दी और इसे भ्रामक करार दिया। प्रश्नावली को भ्रामक व विभाजनकारी करार देते हुए एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा कि मुसलमान इसे तवज्जो नहीं देंगे।

महासचिव ने यहां संवाददाताओं से कहा, इस प्रश्नावली का हम बहिष्कार करेंगे। कोई मुसलमान इसे तवज्जो नहीं देगा, क्योंकि यह भ्रामक व मिथ्यापूर्ण है। समान नागरिक संहिता विभाजनकारी है और इससे सामाजिक अशांति फैलेगी।

उन्होंने कहा, समान नागरिक संहिता इस देश के लिए सही नहीं है। इस देश में कई संस्कृतियां हैं और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। यह संविधान की भावना के खिलाफ है, जो अपनी संस्कृति और धर्म के पालन के नागरिकों के अधिकार को सुरक्षा प्रदान करता है।

सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए रहमानी ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने ढाई साल की अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए जानबूझकर इस मुद्दे को उठाया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का यह कदम केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को यह बताने के कुछ दिनों बाद आया है कि तीन तलाक, निकाह हलाल और बहुविवाह जैसी प्रथाएं इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा या आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं हैं।

इसके बाद, विधि आयोग ने सात अक्टूबर को अपनी वेबसाइट पर प्रश्नावली जारी कर दी, जिसमें नागरिक संहिता मुद्दे पर लोगों की राय के लिए 16 सवाल पूछे गए हैं। संवाददाता सम्मेलन में अन्य मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों मौलाना अरशद मदनी (जमीयत उलेमा-ए-हिंद), मोहम्मद जफर (जमात-ए-इस्लामी हिंद), मौलाना असगर इमाम मेहदी (मरकाजी जमीयत अहले हदीथ), मौलाना महमूद मदनी (जमीयत उलेमा हिंद), एम.मंजूर आलम (ऑल इंडिया मिली काउंसिल), नावेद हामिद (ऑल इंडिया मजलिए-ए-मुशवरत) तथा मौलाना अब्दुल कासिम नौमानी (कुलाधिसचिव, दारूल उलूम देवबंद) ने हिस्सा लिया।

एआईएमपीएलवी के सदस्य कमाल फारूकी ने कहा कि इसके अलावा, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के बरेलवी धर्म गुरुमौलाना तौकीर रजा खान तथा शिया धर्मगुरु मोहसिन ताकवी भी संवाददाता सम्मेलन में आने वाले थे, लेकिन वे नहीं आ सके।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, मुस्लिम पर्सनल लॉ कुरान और हदीस पर आधारित है और हम इसे बदल नहीं सकते। उन्होंने कहा, मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही थोपना चाहते हैं।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

Published

on

Loading

श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

Continue Reading

Trending