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आपात यात्रा दस्तावेज पर भारत लौट सकते हैं माल्या : ईडी

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Vijay-mallyaनई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत से कहा कि शराब कारोबारी विजय माल्या आपात यात्रा दस्तावेज प्राप्त कर भारत आकर अपने खिलाफ विदेशी विनिमय कानून के कथित उल्लंघन के मुकदमे का सामना कर सकते हैं। ईडी के सरकारी वकील नवीन मट्टा ने मुख्य महानगर दंडाधिकारी सुमित दास से माल्या की अदालत में उपस्थिति से छूट पाने को लेकर दायर याचिका को खारिज करने की अपील की।

वकील ने अदालत से कहा, आरोपी (माल्या) अपने नजदीकी भारतीय उच्चायोग जाकर एक आपात यात्रा दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं और भारतीय उच्चायोग से प्राप्त वैध यात्रा दस्तावेज के आधार पर भारत आ सकता हैं।

विजय माल्या ने अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट पाने को लेकर नौ सितम्बर को दायर याचिका में कहा था कि भारतीय अधिकारियों द्वारा उनका पासपोर्ट निलंबित कर देने के कारण वह देश लौटने और मुकदमे का सामना करने में अक्षम हैं। मामले में माल्या को व्यक्तिगत पेशी से छूट को रद्द करने संबंधी ईडी की याचिका को मंजूरी देते हुए नौ जुलाई को अदालत ने माल्या को नौ सितंबर को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा था।

माल्या के वकील अजय भार्गव ने अपने मुवक्किल की व्यक्तिगत पेशी से छूट पाने के लिए एक याचिका दायर करते हुए अदालत से कहा था कि उनके मुवक्किल लंदन में रह रहे हैं। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख चार नवम्बर मुकर्रर की है।

इससे पहले, अदालत ने ईडी की वह याचिका मंजूर कर ली थी, जिसमें माल्या को व्यक्तिगत पेशी से मिली छूट को वापस लेने की मांग की गई थी। अदालत माल्या द्वारा विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रावधानों के कथित उल्लंघन से संबंधित साल 2000 के मामले की सुनवाई कर रही है। आरोप है कि माल्या ने अपने शराब उत्पादों का विदेशों में प्रचार के लिए नियमों को धता बताते हुए धन का प्रबंध किया था।

माल्या को मामले में समन किया जा चुका है और उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर, 2000 को माल्या को अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान की थी।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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