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कावेरी विवाद : SC ने केंद्र को कर्नाटक, तमिलनाडु के सीएम की बैठक बुलाने के निर्देश दिए

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SCनई दिल्ली। तमिलनाडु को कावेरी जल देने के मुद्दे पर बने गतिरोध को दूर करने के उपाय ढंूढने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कर्नाटक और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाने को कहा है। केंद्र को इस तरह की एक बैठक आयोजित करने की बात कहते हुए न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि वह अगले तीन दिनों तक प्रतिदिन 6000 क्यूसेक जल तमिलनाडु के लिए छोड़े।

कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर कर्नाटक और तमिलनाडु में ठन गई है। कर्नाटक सरकार ने सोमवार को शीर्ष अदालत से कहा था कि वह तमिलनाडु के लिए अतिरिक्त जल केवल दिसंबर में छोड़ सकता है, क्योंकि बेंगलुरू समेत कर्नाटक के सभी बड़े शहरों में पेयजल की कमी है।

कर्नाटक ने सर्वोच्च न्यायालय से उसके आदेश में बदलाव की भी मांग की, जिसके तहत तमिलनाडु को और अधिक जल देने का निर्देश दिया गया है। कुछ दिनों पहले कर्नाटक विधानसभा में एक प्रस्ताव परित किया गया, जिसमें कहा गया कि नदी जल का उपयोग केवल कावेरी घाटी के गांवों और बेंगलुरू में पीने की जरूरत के लिए किया जाएगा।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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