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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान : मस्जिद में आत्मघाती विस्फोट, 28 की मौत

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Mosque Blastइस्लामाबाद। पाकिस्तान के मोहमंद एजेंसी जिले के एक मस्जिद में नमाज के दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जिसमें मरने वाले की संख्या 28 तक पहुंच गई है। यह हमला शुक्रवार की नमाज अदा किए जाने के दौरान हुआ।

आत्मघाती हमलावर ने मोहमंद एजेंसी के अनबर तहसील में एक मस्जिद को निशाना बनाया, जिसमें मारे गए लोगों में पांच बच्चे भी शामिल थे। इसमें अन्य 31 लोग भी घायल हुए।

घायलों को इलाज के लिए बाजौर एजेंसी, चरसद्दा और पेशावर के अस्पतालों में भर्ती किया गया। यह विस्फोट अफगानिस्तान सीमा से सटे मोहमंद कबायली जिले के बुटमानिया गांव में हुई, जहां सेना तालिबान के आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध कर रही है।

सहायक राजनीतिक एजेंट नवीद अकबर ने कहा कि हमलावर ने शुक्रवार को चल रही नमाज के दौरान मस्जिद के मुख्य हॉल में खुद को उड़ा लिया। इस हमले के बाद इलाके में कफ्र्यू लगा दिया गया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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