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अन्तर्राष्ट्रीय

सीरिया : ड्रोन हमले में आईएस का ‘सूचना मंत्री’ ढेर

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Syria_isis attackवाशिंगटन/अंकार। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) का ‘सूचना मंत्री’ सीरिया में हुए हवाई हमले में मारा गया। अमेरिकी रक्षा कार्यालय पेंटागन की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है, गठबंधन सेना ने सात सितम्बर को सीरिया के रक्का में हवाई हमला किया था, जिसमें आईएस आतंकवादी वैल आदिल हसन सलमान अल-फयाद मारा गया। गठबंधन सेना आईएस के पांच अन्य आतंकवादियों को भी मार गिराया।

पेंटागन के प्रेस सचिव पीटर कुक ने बयान में कहा, वह आईएस के लिए सूचना मंत्री के तौर पर काम करता था और इसकी शूरा काउंसिल का स्थायी सदस्य था। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन हमले में वैल के घर को निशाना बनाया गया, जिसमें उसकी मौत हो गई।

तुर्की के जनरल स्टाफ की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में 5 अन्य आंतकियों को निशाना बनाने की भी घोषणा की गई। बयान के अनुसार, तुर्की की करीब 13 तोपों से सीरिया के उत्तरी क्षेत्र में स्थित वुगुफ इलाके में आईएस के करीब छह ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह हमला ‘यूफ्रेट्स शीड ऑपरेशन’ के तहत किया गया।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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